मार्ट में 60 फीसदी दुकानें निर्यातकों, बाकि में अन्य हस्तशिल्पी, साल के अंत तक मार्ट में लगेंगे 2 से 3 अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी, अन्य उत्पादों की 5 से 7 घरेलू प्रदर्शनियों का होगा आयोजन, इसमें वस्त्र, चमड़ा उत्पाद, जूट उत्पाद, हस्तशिल्प, मुरादाबादी पीतल, मिर्जापुर बर्तन आदि शामिल
-सुरेश गांधी
वाराणसी। दो सौ करोड़ की लागत से निर्मित भदोही मार्ट रविवार को कालीन उद्यमियों को समर्पित कर दिया गया। इसका ऐलान वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार के अधीन कालीन निर्यात संवर्धन परिषद के (सीईपीसी) के तत्वावधान में कारपेट सिटी स्थित मेगा मार्ट में कर्टेन रेजर समारोह में मुख्य अतिथि एवं विन्ध्याचल मंडल के आयुक्त योगेश्वर राम मिश्र की मौजूदगी में सीईपीसी चेयरमैन सिद्धनाथ ने की। इस दौरान मंडलायुक्त ने मार्ट में होने वाले कालीन सहित विभिन्न हस्तशिल्प प्रदशर्नियों की सफलता की कामना करते हुए कहा कि प्रशासन की तरफ से हर तरह की मूलभूत व आधारभूत सुविधाएं प्रदान की जायेंगी। इसके अलावा कारपेट सिटी के लिए प्रस्तावित सडक, नाली, पानी सहित अन्य परियोजनाओं को पूरा किया जायेगा।
श्री मिश्रा ने मार्ट के संचालन के लिए सीईपीसी चेयरमैन श्री सिद्धनाथ सिंह द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह मार्ट न केवल भदोही- मिर्जापुर बल्कि आसपास के क्षेत्रों के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा। इसके पूर्व श्री योगेश्वर राम मिश्रा ने झंडारोहण के बाद दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान सीईपीसी चेयरमैन सिद्धनाथ सिंह, भदोही विधायक रविन्द्रनाथ त्रिपाठी, कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार के पदेन संयुक्त सचिव व व्यापार सलाहकार जयकरण सिंह, संयुक्त आयुक्त (उद्योग) उमेश कुमार सिंह, जिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद, सीईओ बीडा सुश्री कृतिका ज्योत्सना, जीएमडीआईसी उपायुक्त हरेंद्र प्रताप, सीनियर प्रशासनिक समिति के सदस्य उमेश कुमार गुप्ता, द्वितीय उपाध्यक्ष उमर हमीद, ओंकारनाथ मिश्रा, अब्दुल रब, फिरोज वजीरी, मो. वासिफ अंसारी, हुसैन जाफर हुसैनी, संजय कुमार गुप्ता, श्रीराम मौर्य, एकमाध्यक्ष ओंकारनाथ मिश्रा, सीनियर कालीन निर्यातक राजकुमार सिंह, कालीन निर्यातक हाजी शौकत अली अंसारी, अब्दुल हादी, रवि पाटोदिया, असलम महबूब, तनवीर हुसैन, इम्तियाज अंसारी, ओपी कारपेट के जयप्रकाश गुप्ता, योगेन्द्र राय उर्फ काका, एचएन मौर्य, भरत मौर्या आदि मौजूद थे। इसके बाद मंचासीन अतिथियों का चेयरमैन सिद्धनाथ सिंह सहित सदस्यों ने बारी बारी से सभी को स्मृति चिन्ह, गुलदस्ते और शॉल भेंट कर स्वागत किया।
अगले 2 वर्षों में कालीनों का निर्यात दोगुना हो जाएगा : सिद्धनाथ
स्वागतभाषण में सिद्धनाथ सिंह ने बताया कि परिषद ने भदोही कारपेट एक्सपो मार्ट को संचालन के लिए अपने अधीन लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उद्घाटन के बाद परिषद के क्षेत्रीय कार्यालय को मार्ट मे स्थानांतरित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि मार्ट 7.5 एकड़ में बना है। इसमें सभी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं एवं वातानुकूलित भवन है। मार्ट में हस्तनिर्मित कालीनों प्रदर्शन के लिए के लिए 7,000 वर्ग मीटर का प्रदर्शनी हॉल, सम्मेलन कक्ष एवं 94 स्थायी दुकानें हैं। परिषद द्वितीय तल पर अंतर्राष्ट्रीय मानक का एक रेस्तरां बनाएगी। बीड़ा ने पहले ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर के 5 सितारा होटल के निर्माण के लिए मार्ट के पास जगह आवंटित कर दी है। परिषद एक वर्ष में 2 अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों का आयोजन करेगी, जिसमें लगभग 60 देशों के विदेशी खरीदार भी हिस्सा लेंगे । परिषद 5-7 घरेलू प्रदर्शनियों का आयोजन भी करेगी जिसमे वस्त्र, चमड़ा उत्पाद, जूट उत्पाद, हस्तशिल्प, उत्तर पूर्व उत्पाद, मुरादाबाद पीतल, मिर्जापुर बर्तन आदि शामिल होंगे । भदोही और मिर्जापुर के 600 से अधिक निर्यातको और कारीगरो को सीधे तौर पर मार्ट का लाभ प्राप्त होगा।
श्री सिंह ने कहा कि कर्टन रेज़र प्रोग्राम के माध्यम से परिषद सदस्य-निर्यातकों के लिए मार्ट के द्वार खोल रही है, जिससे निर्यातक आधिकारिक रूप से मार्ट में उपलब्ध विश्व स्तर की सुविधाओं अनुभव कर सकते हैं। भदोही कारपेट एक्सपो मार्ट, पूरे विश्व के बाजारो एवं विदेशी खरीदारों को निर्यातकों और बुनकरों के लिए भदोही में उनके घर तक लाएगा और आशा हैं कि मार्ट उद्योग से जुड़े सभी हितधारकों के लिए भी फायदेमंद होगा। अंत में संयुक्त आयुक्त (उद्योग) उमेश कुमार सिंह ने उद्योग निदेशालय, भारत सरकार एवं सीईपीसी की ओर से औपचारिक धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने उद्योग के विकास के लिए पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।
कालीन मेला पर नहीं हो सकी चर्चा
परिषद द्वारा आयोजित कार्यक्रम में एमएसएमई विभाग के अपर प्रमुख सचिव डा. नवनीत सहगल व प्रमुख सचिव डेयरी विकास व पशुधन भुवनेश कुमार को भागीदारी करनी थी। माना जा रहा था कि इसमें मार्ट में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कालीन मेले का आयोजन कराने पर चर्चा होगी। किसी कारणवश वह नहीं आ सके और कालीन मेले के आयोजन के संबंध में कोई चर्चा नहीं हुई। जबकि अपर प्रमुख सचिव के आगमन पर मेला आयोजन पर निर्णय लिया जाना था तो प्रस्तावित परियोजनाओं व भावी योजनाओं पर भी चर्चा की जाती।