वोकल फॉर लोकल’ अभियान का बनें अभिमान : नकवी

हुनर हाट में 29 लाख लोगों ने की शिरकत

लखनऊ। राजधानी के अवध शिल्पग्राम में केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा 22 जनवरी से 07 फरवरी तक आयोजित किये गए 24वें ‘हुनर हाट’ में जहां एक ओर 29 लाख से ज्यादा लोगों ने आकर हुनर के पुश्तैनी दस्तकारों, शिल्पकारों की हौसला अफजाई की। वहीं करोड़ों रुपये की स्वदेशी उत्पादों की खरीददारी कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान का अभिमान बनें। केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को ‘हुनर हाट’ के समापन के अवसर पर अवध शिल्पग्राम में पत्रकारों से बात करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि एक ओर ‘हुनर हाट’ में जहां देश के हर क्षेत्र के स्वदेशी हस्तनिर्मित दुर्लभ उत्पाद उपलब्ध थे। वहीं दूसरी ओर यहां आने वाले लोगों ने देश के विभिन्न क्षेत्रों के पारम्परिक लजीज पकवानों का भी लुत्फ उठाया।

उन्होंने कहा कि हुनर हाट में आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखण्ड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, ओड़िशा, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल सहित 31 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों से लगभग 500 हुनर के उस्ताद शामिल हुए। ये दस्तकार, शिल्पकार अपने साथ अजरख, ऍप्लिक, आर्ट मेटल वेयर, बाघ प्रिंट, बाटिक, बनारसी साड़ी, बंधेज, बस्तर की जड़ी-बूटियां, ब्लैक पॉटरी, ब्लॉक प्रिंट, बेंत-बांस के उत्पाद, चिकनकारी, कॉपर बेल, ड्राई फ्लावर्स, खादी के उत्पाद, कोटा सिल्क, लाख की चूड़ियां, लेदर, पश्मीना शाल, रामपुरी वायलिन, लकड़ी-आयरन के खिलौने, कांथा एम्ब्रोइडरी, ब्रास-पीतल के उत्पाद, क्रिस्टल ग्लास, चन्दन की कलाकृतियां, लकड़ी-बेंत के फर्नीचर आदि के स्वदेशी हस्तनिर्मित शानदार उत्पाद प्रदर्शन एवं बिक्री के लिए ले कर आये।

 

 

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