क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी का संदूक, स्वीकार नहीं किसानों के कंधे पर बंदूक -नकवी

कहा- किसानों के हितों का अपहरण कर रहा लुटे-पिटे गुमनामी गैंग

कानपुर। भारत सरकार द्वारा हाल ही में बनाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में विदेशी नागरिकों की टिप्पणियों का जवाब केंद्रीय मंत्री केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने दिया है। शनिवार को कानपुर पहुंचे नकवी ने कहा कि सीएए और अन्ना आंदोलन भी इंटरनेशनल हो गए थे। हमारी (भारत) जनता नेशनल है। सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के शीर्ष नेताओं से वार्ता जारी है। 26 जनवरी की घटना को क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी बताते हुए उन्होंने कहा कि स्वीकार नहीं किया जाएगा। ‘क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी का संदूक और किसानों के कंधे पर बंदूक’ ये एक्सपोज होगा और दोषियों पर कार्रवाई होगी। पहले भी ऐसी साजिशी सुपारी का देश की जनता ने सूपड़ा साफ किया है। प्रधानमंत्री मोदी की ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ नीति से इस तरह के क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी करने वालों के चेहरे बेनकाब हो चुके हैं।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों के सशक्तीकरण को समर्पित है। किसानों से बातचीत के लिए सरकार तैयार है। एमएसपी में डेढ़ गुना वृद्धि की जा चुकी है। गेहूं के किसानों को एमएसपी के तहत वर्ष 2020-21 में 75,100 करोड़ का भुगतान किया गया। धान के किसानों को 1,72,700 करोड़ का भुगतान किया गया। छोटे और सीमांत किसानों के खातों में पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 1.13 लाख करोड़ ट्रांसफर किए गए। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का देश के छोटे किसानों को लाभ मिला है। इस दौरान विजय बहादुर पाठक, प्रदेश मंत्री नीलिमा कटियार, विधायक सुरेन्द्र मैथानी, पूर्व विधायक रघुनन्दन सिंह भदौरिया आदि मौजूद रहे।

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