हर इंसान की जिंदगी में अपना घर और गाड़ी काफी महत्वपूर्ण होता है. कुछ लोग घर खरीदने के बाद कार खरीदते हैं तो कुछ किराए पर रहते हुए भी. लेकिन यहां इन दोनों तरह के लोन की प्रकृति में अंतर है. होम लोन अगर आप लंबे समय के लिए लेते हैं तो यह आपके लिए सुविधाजनक है, क्योंकि घर कीमत आगे चलकर बढ़ती ही जाती है. लेकिन गाड़ी खरीदने के लिए जो आप ऑटो लोन लेते हैं, इसमें खास ध्यान देने वाली बात यह है कि आपके कार की कीमत घटती चली जाती है.
जानकारों का मानना है कि ऐसे में लंबे समय (5 से 7 साल तक) के लोन की बजाए 3 से 5 साल तक के लोन पर विचार किया जाना चाहिए. हां, आपकी ईएमआई थोड़ी ज्यादा जरूर हो जाती है, लेकिन आपको ब्याज के रूप में देय राशि में थोड़ी राहत मिल जाती है.
ऑटो लोन लेने के समय न सिर्फ ब्याज दर पर ध्यान दें बल्कि इसके पीछे छिपे अन्य लागत यानी प्रोसेसिंग फीस पर भी नजर डालें. इसके बाद ही तुलनात्मक कैलकुलेशन के हिसाब से अपना बैंक या वित्तीय संस्थान चुनें.
आम तौर पर त्योहारी सीजन में बैंक कई तरह के ऑफर भी पेश करते हैं. मसलन किसी निश्चित तारीख तक वो प्रोसेसिंग फीस नहीं लेते या राशि में कमी कर देते हैं. लाइवमिंट के अध्ययन जिसमें 10 बैंकों के ऑटो लोन पर वर्तमान दरों पर गौर किया गया है, इस पर एक नजर डालते हैं
लोन देने का अपना-अपना तरीका
किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान का ऑटो लोन देने के अपने मानदंड हैं. कुछ बैंक, कार या बाइक के एक्स शोरूम की पूरी राशि पर लोन देते हैं तो कुछ बैंक 80 प्रतिशत राशि पर लोन जारी करते हैं. जानकारों का कहना है कि किसी भी ग्राहक को अधिक से अधिक डाउनपेमेंट करने की कोशिश करनी चाहिए. इससे आप पर लोन के बदले चुकाए जाने वाले ब्याज का ज्यादा भार नहीं पड़ता. कुछ बैंक 3 से 5 साल के लिए ऑटो लोने देते हैं तो कुछ 5 से 7 साल तक के लिए भी लोन जारी करते हैं