राजधानी दिल्ली में शुक्रवार (5 फरवरी) से 9वीं और 11वीं क्लास के छात्रों के लिए स्कूल खुल जाएंगे। इसके अलावा आइटीआइ, पॉलिटेनक्निक और डिग्री कॉलेज भी खुल जाएंगे। इस दौरान स्कूल संचालकों और प्रधानाचार्यों को कोविड नियमों के पालन सुनिश्चित कराने को भी कहा गया है। क्लास में छात्रों के बैठने के दौरान शारीरिक दूरी का ख्याल रखा जाएगा।
दिल्ली सरकार ने पहले ही स्पष्ट किया है कि स्कूल में आने के लिए कोई बाध्यता नहीं होगी। छात्र अपने माता-पिता की सहमति से ही स्कूल आ सकते हैं। सरकारी या प्राइवेट स्कूल छात्रों के परिजनों पर कोई दवाब नहीं डालेंगे।
बता दें कि केजरीवाल सरकार ने 18 जनवरी से क्लास 10वीं और 12वीं को खोलने की घोषणा की थी। सरकार ने बोर्ड परिक्षाओं की तैयारी को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया था। अब दिल्ली में कोरोना से स्थिति लगभग सामान्य हो गई है तो 9वीं और 11वीं के छात्रों को स्कूल में बुलाया जा रहा है।
छात्रों के रिकार्ड रखने का इस्तेमाल अटेंडेस के लिए नहीं किया जाएगा
मिली जानकारी के अनुसार, छात्रों के लिए सभी कक्षाओं को सैनिटाइज करने के साथ-साथ पूरे स्कूल परिसर में कोरोना से बचाव को लेकर जागरूकता बोर्ड भी लगाए गए हैं। वहीं, स्कूलों को शिक्षा निदेशालय द्वारा तय की गई मानक संचालन प्रक्रिया के जरिए ही छात्रों को बुलाना होगा। इसके साथ ही जो भी छात्र स्कूल आएंगे स्कूलों को उनका रिकार्ड भी रखना होगा। हालांकि रिकार्ड का इस्तेमाल अटेंडेस के लिए नहीं किया जाएगा।
प्रत्येक कक्षा में 15 छात्र ही बैठेंगे
वहीं, स्कूल के मुख्य द्वार पर सैनिटाइजेशन मशीन के साथ-साथ तापमान मांपने की भी मशीन लगाई गई है। इसके अतिरिक्त कक्षा 9वीं और 11वीं के छात्रों का आने और जाने के समय में आधे घंटे का अंतर रहेगा। कक्षा 9वीं के छात्र सुबह आठ बजे तो 11वीं के साढ़े आठ बजे स्कूल आएंगे। छात्रों की हर कक्षा 40 मिनट की होगी। हर कक्षा को दो भागों में बांटा है। प्रत्येक कक्षा में 15 छात्र ही बैठेंगे। इसके साथ ही हर कक्षा में छात्रों के लिए एक सहायक शिक्षक भी मौजूद रहेंगे। शारीरिक शिक्षा की कक्षाएं अभी नहीं होंगी।