लखनऊ : स्पर्श कुष्ठ जागरुकता अभियान के तहत बुधवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) काकोरी क्षेत्र के बाबू त्रिलोकी सिंह इंटर कॉलेज में जादू कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को कुष्ठ के प्रति जागरूक किया गया। इस मौके पर एन0एम0ए0 (नॉन मेडिकल असिस्टेंट) धर्मेन्द्र दीक्षित ने कुष्ठ रोग की पहचान के बारे में जानकारी दी और कहा यदि त्वचा पर हल्के या तांबई रंग के धब्बे हों और उनमें संवेदनहीनता हो तो यह कुष्ठ रोग हो सकता है। इसके साथ ही हाथ या पैरों में अस्थिरता या झुनझुनी, नसों में दर्द, कान या चेहरे पर सूजन, हाथ या पैरों पर सुन्नता या घाव होने पर भी स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सक को दिखाना चाहिए। सीएचसी अधीक्षक डॉ पिनाक त्रिपाठी ने कहा, हर दाग कुष्ठ रोग नहीं होता है। यदि समय से उपचार शुरू कर दिया जाये तो कुष्ठ रोग पूरी तरह से मल्टी ड्रग थेरेपी (एमडीटी) द्वारा ठीक किया जा सकता है। सीएचसी काकोरी सहित प्रदेश के सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर एमडीटी निःशुल्क उपलब्ध है।
इस अवसर पर बी0सी0पी0एम0 (ब्लाक कम्युनिटी प्रक्रिया प्रबंधक) प्रद्युम्न कुमार मौर्या ने वहां पर उपस्थित लोगों को बताया, समय से पहचान एवं नियमित उपचार से कुष्ठ रोग पूर्ण रूप से ठीक हो जाता है। इसमें त्वचा पर हल्के रंग के धब्बे दिखाई देते हैं, जो कुष्ठ रोग की शुरुआती पहचान हैं। जादूगर सिकंदर बादशाह द्वारा जादू के खेल के माध्यम से सभी को जागरूक किया गया। स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी शशि भूषण भारती ने भी कार्यक्रम में भाग लिया। इससे पहले मंगलवार को माल और मलिहाबाद सीएचसी पर भी जादू के कार्यक्रम का आयोजन कर लोगों को कुष्ठ रोग के सम्बन्ध में जागरूक किया गया था।