लखनऊ : एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने पूर्व चीफ इंजिनियर, नॉएडा अथॉरिटी यादव सिंह तथा अन्य दोषी शासकीय कर्मियों के विरुद्ध अविलम्ब अभियोजन स्वीकृति प्रदान करने तथा अब तक जानबूझ कर अभियोजन स्वीकृति नहीं देने के संबंध में उत्तरदायित्व निर्धारित किये जाने की मांग है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा सीबीआई निदेशक को भेजे अपने पत्र में नूतन ने कहा कि उनके द्वारा दायर याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यादव सिंह के खिलाफ सीबीआई जाँच के आदेश दिए थे, जिसपर सीबीआई ने 04 अगस्त 2015 को यादव सिंह पर 02 मुकदमे दर्ज किये. बाद में सीबीआई ने यादव सिंह के खिलाफ टेंडरों में अनियमिता बरतने विषयक अन्य मुकदमे भी दर्ज किये गए। इन सभी मामलों में सीबीआई ने चार्जशीट दायर किया जो सीबीआई कोर्ट, गाजियाबाद में विचाराधीन हैं।
इन सभी मामलों में सीबीआइ ने उत्तर प्रदेश शासन के संबंधित विभाग से अभियोजन स्वीकृति के बगैर ही चार्जशीट पेश कर दी। इसपर सीबीआई कोर्ट ने अभियोजन स्वीकृति के बाद ही कोर्ट इन आरोप पत्रों पर संज्ञान लिए जाने के आदेश दिए। इसके बाद सीबीआई ने 12 मार्च 2020 को इन मामलों में अभियोजन स्वीकृति मांगी। तब से यह मामला औद्योगिक विकास विभाग में लंबित है। नूतन ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 01 अगस्त 2018 को भ्रष्टाचार के प्रकरणों में अभियोजन स्वीकृति हेतु लंबित पत्रावलियों को प्रत्येक दशा में 60 दिवस में निपटाने और इसमें लापरवाही पाए जाने पर कार्यवाही किये जाने के आदेश दिए थे. इसके बाद भी औद्योगिक विकास विभाग द्वारा पिछले 10 माह में अभियोजन स्वीकृति प्रदान नहीं की गुई है। अतः नूतन ने अविलंब अभियोजन स्वीकृति प्रदान करने तथा मामले को 10 माह तक लंबित रखने हेतु उत्तरदायी अफसरों के विरुद्ध प्रशासनिक कार्यवाही किये जाने की मांग की है।