लोगों को मुफ्त कोरोना वैक्सीन की उम्मीद। हर घर हो रोशन, बजट में 24 घंटे बिजली सप्लाई पर ऐलान संभव! प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को सरकार दे सकती है तवज्जो। साड़ी व कालीन कारोबारियों को बजट से ढेरों उम्मीदें
कृषि सुधार पर तकरार और कोरोना की मार से उबरने की उम्मीदों के बीच एक फरवरी को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। कोरोना काल में बेरोजगारी, महंगाई, वायरस, वैक्सीन, चीन, किसान आंदोलन, कृषि कानून पर विवाद, ये सब कुछ देखने को मिला। यही वजह है कि अब सभी को बजट से बहुत उम्मीदें हैं। गृहणी से लेकर किसान तक, उद्यमी से लेकर हर आम-ओ-खास बजट का इंतजार कर रहा है। उम्मीदें हैं सिलिंडर गैस की कीमतें कम होने का, उम्मीदें हैं महंगाई कम होने का, उम्मीदें हैं टैक्स स्लैब बढ़ने का और उम्मीदें हैं नौकरियों के नए अवसरों का। ऐसे में उम्मीद की जाती है कि गांव, गरीब और किसान की उन्नति को प्राथमिकता देने का दावा करने वाली मोदी सरकार आगामी बजट में भी कृषि और ग्रामीण विकास को तरजीह देगी। उम्मींद की जा रही है कि इस बार का बजट आम आदमी के लिए कई लिहाज से खास रहने वाला है। इस बार एक-दो नहीं, बल्कि कई बड़े तोहफे सरकार की ओर से मिलने की उम्मीद है। इस बजट से सबसे अधिक उम्मीदें तो मिडिल क्लास और खासकर नौकरीपेशा लोगों को है। कोरोना काल में बहुत सारे लोगों की नौकरी चली गई थी और बहुत से लोगों की सैलरी भी कटी थी। ऐसे में लोग इस बजट में सरकार से कुछ ज्यादा ही उम्मीदें कर रहे हैं। उम्मींद है कि टैक्स छूट की सीमा 3 लाख रुपये हो सकती है। अभी टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये है। मौजूदा समय में आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत निवेश कर के इनकम टैक्स में 1.5 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छू पाई जा सकती है।
इस बार इसे बढ़ाकर 2 लाख रुपये तक किए जाने की उम्मीद है। सुझाव तो यहां तक दिए जा रहे हैं कि इसे बढ़ाकर दोगुना यानी 3 लाख रुपये किया जाना चाहिए। कोरोना काल को देखते हुए ये भी उम्मीद की जा रही है मेडिकल इंश्योरेंस को देखते हुए इस बार सरकार 80डी के तहत मिलने वाले 25000 रुपये तक के डिडक्शन को बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर सकती है। वहीं सीनियर सिटिजन के लिए ये सीमा बढ़ाकर 75 हजार रुपये तक किए जाने की उम्मीद की जा रही है। कोरोना काल में काम करने का तरीका काफी बदल गया है। बहुत सारे लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। ऐसे में बजट 2021 में आम आदमी को उम्मीद है कि घर से काम करने के लिए भी सरकार टैक्स में कुछ छूट दे सकती है, क्योंकि घर से काम करने में कर्मचारी को इंटरनेट, कुर्सी-मेज और कई बार तो छोटा ऑफिस तक सेट-अप करना पड़ा है। उम्मीद की जा रही है कि इसके लिए सरकार कोई स्टैंडर्ड डिडक्शन की ही घोषणा कर दे। यह भी उम्मीद की जा रही है कि मोदी सरकार इस बार के बजट में टर्म इंश्योरेंस को बढ़ावा देने के कदम उठा सकती है। दरअसल, कोरोना काल में बहुत सारे लोगों को टर्म इंश्योरेंस की महत्ता समझ आ गई है, लेकिन अभी भी बहुत सारे लोग इसमें पैसे खर्च करने से कतराते हैं। टर्म इंश्योरेंस किसी भी व्यक्ति की मौत के बाद उसके परिवार के देखभाल के लिए बहुत जरूरी है। उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार वित्त मंत्री की झोली में चुनिंदा लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ सौगात जरूर होगी। वैसे भी कोरोना ने मध्यम वर्ग एवं निम्न मध्यम वर्ग को कुछ ज्यादा ही परेशान किया है। इसलिए वही, इस बजट से सबसे ज्यादा अपेक्षा रख रहे हैं।
आम आदमी चाहते हैं बेहतर अस्पताल, बेहतर स्वास्थ्य सुविधा तो भविष्य पर नजरें टिकाए लोग सोचते हैं बेहतर शिक्षा व्यवस्था। वेतनभोगियों की निगाह जहां इनकम टैक्स के स्लैब पर अटकी है। वह इनकम टैक्स एक्ट की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत आयकर में अधिक से अधिक छूट की बाट जोह रहे हैं। अर्थव्यवस्था को एक बार फिर से पटरी पर लौटा रहा उद्योग जगत कुछ इसी तरह के बजट की आशा कर रहा है। ऐसा बजट, जिससे उनका कारोबार चलाना सुगम हो और वह समाज के लिए अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सृजित कर सके। बजट में अगर आम लोगों को कोरोना टीकाकरण को लेकर ऐलान होता है, उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा लाभान्वित होगा। कोरोना संकट से राज्यों की माली हालत भी प्रभावित हुई है। बता दें, कोरोना महामारी के संकट काल में जब विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र के विकास पर ब्रेक लग गया था। देश की आर्थिक विकास की गाड़ी रसातल में चली गई। लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने कई उपायों के जरिए कोरोना संकटकाल में देश के आम तबके को राहत पहुंचाने की कोशिश की। सरकार ने खेती-किसानी से जुड़ी देश की एक बड़ी आबादी की सुध ली और कृषि क्षेत्र में सुधार की बयार तेज करने के मकसद से नये कानून बनाए। ऐसे में सबसे पहले लोग चाहते है कि सरकार को इस बजट में ऐलान करना चाहिए कि कोरोना वैक्सीन को मुफ्त में हरेक नागरिक को दिया जाएगा। उन्हें बजट में सरकार से इस ऐलान की उम्मीद है कि वो कोरोना वैक्सीन को मुफ्त उपलब्ध कराएगी।
बजट में सरकार को टैक्सपेयर्स को राहत देनी चाहिए, क्योंकि उन्हें कोरोना संकटकाल में आर्थिक हानि का सामना करना पड़ा है। किसानों को उम्मींद है कि सरकार खाद और बीजों को सस्ता करेगी। सरकार किसी बड़े राहत पैकेज की घोषणा करें। सरकार एमएसपी यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस (न्यूनतम समर्थन मूल्य) में बढ़ोतरी करें। सरकार और ज्यादा किसानों को डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर यानी डीबीटी के दायरे में लाएं। रियल एस्टेट सेक्टर को दोबारा खड़ा करने के लिए कुछ कदम उठाने चाहिए। जिससे टूरिज्म सेक्टर में दोबारा जान आ सके जो कोरोना संकटकाल में बुरी तरह प्रभावित हो गया है। एयरलाइन टिकटों को सस्ता करने का एलान सरकार द्वारा किया जाना चाहिए।
होटल किराए सस्ते किए जाने चाहिए। सरकार इस बजट में घर खरीदारों के लिए टैक्स राहत दे, जिससे हाउसिंग सेक्टर को पुनर्जीवित किया जा सके। सरकार को स्कूल-कॉलेज की फीस घटाए जाने के लिए कुछ गाइडलाइंस की घोषणा करनी चाहिए। अब जब सारे काम ऑनलाइन हो रहे हैं तो सरकार को मोबाइल, कंप्यूटर और इंटरनेट सस्ता करना चाहिए। सरकार को हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स छूट की सीमा को बढ़ा देना चाहिए। हेल्थकेयर उत्पाद और दवाइयों को और अफोर्डेबल बनाना चाहिए। अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए जितना संभव हो सके उतना खर्च बढ़ाना चाहिए। क्योंकि जिस तरह से सेंसेक्स लगातार बढ़ रहा है, उससे अर्थव्यवस्था भी पटरी पर लौट सकती है। कोरोना व मंदी के कारण कल-कारखाने बंद हो गए। लूमों पर बुनाई ठप हो गयी। अब लूम मालिकों की उम्मीद है कि सरकार उन्हें नयी तकनीक वाले लूम खरीदने में सब्सिडी दें। बैंक लोन पर ब्याज दर भी कम करे। बता दें, इस कारोबार में करीब 10 लाख लोगों का रोजगार जुड़ा है। करीब 6 लाख पॉवरलूम व करघे चलते हैं। लेकिन इस इंडस्ट्री की हालत दिन पर दिन खराब होती जा रही है। अगर कुछ किया नही गया तो हैंडलूम की तरह यह इंडस्ट्री भी विलुप्त होने लगेगी। 35 फीसदी निर्यात पर ब्रेक लग गया है।