लखनऊ, 31 जनवरी। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) की कक्षा-10 की छात्रा रितिका तिवारी ने एसोसिएटेड बोर्ड आॅफ रायल स्कूल आॅफ म्यूजिक (ए.बी.आर.एस.एम.), लंदन के तत्वावधान में आयोजित वाॅयलिन वादन की ग्रेड-5 परीक्षा में टाॅप कर लखनऊ का नाम गौरवान्वित किया है। ए.बी.आर.एस.एम. की ग्रेड-5 की संगीत परीक्षा में विशेष योग्यता अर्जित करना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है, जिसके लिए उच्च स्तरीय वादन प्रतिभा एवं कौशल की आवश्यकता होती है। रितिका ने यह उपलब्धि अपने विद्यालय के पाश्चात्य संगीत शिक्षक श्री शमीम मोहावेद के मार्गदर्शन में अर्जित की है, जिन्होंने कोविड-19 के कारण लाॅकडाउन के दौरान पूरे 10 महीने तक उसे आॅनलाइन संगीत शिक्षा प्रदान की। इससे पहले, रितिका ने ग्रेड-5 की थ्योरी परीक्षा भी विशेष योग्यता (डिस्टिंशन) के साथ उत्तीर्ण की थी। उक्त जानकारी सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने दी है। श्री शर्मा ने बताया कि ए.बी.आर.एस.एम. छात्रों को संगीत शिक्षा प्रदान करने वाली विश्व की सबसे बड़ी संस्था है जो प्रति वर्ष दुनिया के 90 से अधिक देशों के छः लाख से अधिक छात्रों का मूल्यांकन करती है एवं प्रतिभाशाली छात्रों को संगीत परीक्षा के आधार पर डिप्लोमा प्रदान करती है। ए.बी.आर.एस.एम. की संगीत परीक्षा सभी आयुवर्ग के छात्रों के लिए डिजाइन की गई है और जिसे पूरे विश्व में मान्यता प्राप्त है।
श्री शर्मा ने बताया कि पेशे से बैंकर पिता की यह अत्यन्त प्रतिभाशाली पुत्री, रितिका, संगीत के क्षेत्र में कैरियर बनाना चाहती है। रितिका ने बताया कि ‘संगीत में मेरी रुचि देखकर, सी.एम.एस. में मेरे शिक्षकों ने मुझे वायलिन सीखने के लिए प्रेरित किया और अपने पाश्चात्य संगीत शिक्षक के मार्गदर्शन में विशेष योग्यता अर्जित की। मैंने सिर्फ अपने स्कूल से ही संगीत की शिक्षा प्राप्त की है और इसके अलावा कहीं और से संगीत की कोई ट्रेनिंग नही ली है। श्री शर्मा ने बताया कि सी.एम.एस. में रितिका पिछले तीन वर्षों से अपने संगीत शिक्षकों द्वारा पश्चिमी शास्त्रीय संगीत का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है।
श्री शर्मा ने बताया कि सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गांधी ने इस प्रतिभाशाली छात्र की उपलब्धि पर हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उसे उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी है। श्री शर्मा ने बताया कि सी.एम.एस. अपने छात्रों को भौतिक, सामाजिक व आध्यात्मिक शिक्षा उपलब्ध कराने के साथ ही साँस्कृतिक व साहित्यिक क्षेत्रों में भी छात्रों का रुझान विकसित करता है तथापि उनकी क्षमता को पहचानकर उन्हें प्रोत्साहित करता है। यही कारण है कि सी.एम.एस. छात्र पढ़ाई में तो अव्वल रहते ही हैं साथ ही साथ गीत-संगीत, नृत्य, साहित्य व कला जैसे क्षेत्रों में भी विद्यालय के छात्रों ने अलग पहचान बनाई है।