राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शनिवार को राष्ट्रपति भवन में पांच साल से कम उम्र के बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाकर 2021 के पल्स पोलियो कार्यक्रम का शुभारंभ किया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति कोविंद और प्रथम महिला सविता कोविंद ने राष्ट्रीय पोलियो टीकाकरण दिवस की पूर्व संध्या पर बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाई, जिसे 31 जनवरी को मनाया जाता है और इसे पोलियो रविवार के नाम से भी जाना जाता है। देश की पोलियो मुक्त स्थिति बनाए रखने के लिए भारत सरकार के अभियान के तहत 5 साल से कम उम्र के लगभग 17 करोड़ बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाई जाएंगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देशव्यापी अभियान को लगभग 24 लाख स्वयंसेवकों, 1.5 लाख पर्यवेक्षकों और कई सिविल सोसायटी संगठनों (सीएसओ), डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, रोटरी आदि द्वारा सहयोग कर रहे हैं। स्वास्थ्यकर्मी दो करोड़ परिवारों तक जाएंगे। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ताकि कोई भी बच्चा पोलियो टीके के सुरक्षाचक्र से वंचित न रह सके। देश पिछले एक दशक के लिए पोलियो मुक्त है। 13 जनवरी, 2011 के बाद पोलियो का मामला सामने नहीं आया है। यह मामला हावड़ा में सामने आया था।
स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने सरकार द्वारा नियमित टीकाकरण को मजबूत करने के प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हम अपने बच्चों को अधिक से अधिक बीमारियों से बचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। यह महत्वपूर्ण है कि कार्यक्रम के तहत सभी टीके हमारे देश के हर आखिरी बच्चे तक पहुंचे। पोलियो कार्यक्रम सीख लेकर मिशन इन्द्रधनुष, ग्राम स्वराज अभियान, विस्तारित ग्राम स्वराज अभियान और गहन मिशन इन्द्रधनुष I और II को वर्ष 2018 तक भारत के 90% पूर्ण टीकाकरण कवरेज के लिए एक अभियान बनाकर नियमित टीकाकरण को मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने पोलियो कार्यक्रम और अन्य टीकाकरण पहलों के लिए सरकार के प्रयासों को मजबूत करने के लिए राज्य सरकारों, डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ और रोटरी इंटरनेशनल आदि जैसे संगठनों के प्रयासों की सराहना की।