देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को बजट सत्र की शुरुआत में अपने अभिभाषण में कहा कि कोरोना के असर से भारतीय अर्थव्यवस्था उबर रही है। राष्ट्रपति कोविंद या भारत सरकार ही नहीं, बल्कि संयुक्त राष्ट्र से लेकर देशी-विदेशी तमाम एजेंसियों का यह मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था उम्मीद से अधिक तेजी से रिकवर कर रही है। सब जानते हैं कि कोरोना वायरस महामारी ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर काफी प्रतिकूल प्रभाव डाला, लेकिन प्रभावी सरकारी नीतियों के चलते इकोनॉमी तेजी से पटरी पर आ रही है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था में रिकवरी के संकेत पिछली तिमाही से ही देखने को मिल गए थे। आइए आंकड़ों से समझते हैं।
इस साल सबसे तेज ग्रोथ करेगा भारत
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने हाल ही में अपनी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में आगामी वित्त वर्ष (2021-22) में भारत की अर्थव्यवस्था के सबसे तेज 11.5 फीसद की रफ्तार से ग्रोथ करने का पूर्वानुमान जताया गया है। इस तरह भारत साल 2021 में प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से ग्रोथ करने वाला देश हो सकता है। इससे पहले आईएमएफ ने अपनी अक्टूबर में जारी रिपोर्ट में आगामी वित्त वर्ष के लिए 8.8 फीसद की ग्रोथ रेट का अनुमान व्यक्त किया था। साथ ही आईएमएफ ने हालिया रिपोर्ट में अप्रैल 2022 से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी में 6.8 फीसद की ग्रोथ रहने की उम्मीद जताई है।
टीआईडब्ल्यू प्राइवेट इक्विटी के मैनेजिंग पार्टनर और चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर मोहित रलहन बताते हैं कि जीएसटी संग्रह, औद्योगिक उत्पादन, बेरोजगारी दर और विनिर्माण पीएमआई जैसे प्रमुख आर्थिक संकेतक फिर से पुराने स्तर पर आ रहे हैं और कुछ ने कोविड-19 से पहले के स्तर को भी पार कर लिया है। वे कहते हैं कि आईएमएफ का यह पूर्वानुमान कोई आश्चर्य की बात नहीं है। भारत तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है और इसके आने वाले दशक में दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण विकास इंजन बनने की संभावना है।
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश दुनिया में घटा, भारत में बढ़ा
साल 2020 में भारत में आए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में 13 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई है। भारत में एफडीआई निवेश साल 2020 में 57 अरब डॉलर रहा। वहीं, साल 2020 में कोरोना वायरस महामारी के चलते यूके, यूएस और रूस जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में निवेश तेजी से घटा है। यह बात संयुक्त राष्ट्र ने स्वयं अपनी एक रिपोर्ट मे कही है। यूनाइटेड नेशंस कांफ्रेंस आन ट्रेड एंड डेवलपमेंट (UNCTAD) द्वारा जारी ‘इन्वेस्टमेंट ट्रेंड्स मॉनिटर’ रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में साल 2020 में 42 फीसद की भारी गिरावट दर्ज की गई।
एफपीआई ने भारतीय बाजारों में की जमकर खरीदारी
एफपीआई अर्थात विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए पिछले कई महीनों से भारत मुख्य आकर्षण बना हुआ है। एफपीआई भारतीय बाजारों में जमकर निवेश कर रहे हैं। डिपॉजटरी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय बाजारों में अक्टूबर, 2020 में 22,033 करोड़ रुपये, नवंबर 2020 में 62,951 करोड़ रुपये और दिसंबर 2020 में 68,558 करोड़ रुपये निवेश किये। इसके बाद नए साल में 22 जनवरी, 2021 तक एफपीआई भारतीय बाजारों में 18,456 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश कर चुके थे। एफपीआई का यह निवेश बताता है कि आने वाले समय में भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से ग्रोथ देखने को मिलेगी।
मांग में हो रही बढ़ोत्तरी
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2020 में देश में बिजली की मांग में ग्रोथ (-)23.7 फीसद थी, जो दिसंबर, 2020 में 5 फीसद हो गई। इस अवधि के दौरान जीएसटी कलेक्शन में ग्रोथ (-)71.6 फीसद से बढ़कर 11.6 फीसद पर आ गई। पैंसेंजर गाड़ियों की बिक्री में ग्रोथ (-)100 फीसद से 23 फीसद पर आ गई और ट्रैक्टरों की बिक्री में ग्रोथ (-) 84 फीसद से 41 फीसद पर आ गई।
वी-शेप की ओर बढ़ रही भारतीय अर्थव्यवस्था में रिकवरी
वाणिज्य एवं उद्योग मंडल एसोचैम ने हाल ही में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में 2021 में तेजी से सुधार देखा जा रहा है, यह वी- शेप की ओर तेजी से बढ़ रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि उपभोक्ताओं का विश्वास लौट रहा है। साथ ही फाइनेंस मार्केट, विनिर्माण और निर्यात क्षेत्र में सुधार है, जिसके फलस्वरूप अर्थव्यवस्था में यह तेजी नजर आ रहा है। एसोचैम के महासिचव दीपक सूद के मुताबिक उच्च-आवृति आंकड़े यह संकेत दे रहे हैं कि 2021 में अर्थव्यवस्था में वी-शेप में रिकवरी देखने को मिलेगी। उन्होंने बताया कि बीते वर्ष 2020 के आखिरी दो महीनों में इसके स्पष्ट संकेत नजर आए हैं।
आत्मनिर्भर बनने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा भारत -पीएम
प्रधानमंत्री मोदी भी अर्थव्यवस्था की बेहतर रिकवरी को लेकर आश्वस्त हैं। उन्होंने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) के Davos Dialogue को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गुरुवार को संबोधित करते हुए कहा कि भारत आत्मनिर्भर बनने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर हालात बेहतर हो रहे हैं। शुक्रवार से संसद का बजट सत्र शुरू हो गया है। एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। वित्त मंत्री पहली ही कह चुकी हैं कि यह बजट सौ वर्षों का सबसे अच्छा बजट होगा। इसलिए उम्मीद है कि इस बजट में अर्थव्यवस्था को और गति देने के लिए कई उपाय हो सकते हैं।