पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों को लेकर केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बयान दिया है. उन्होंने कहा, ‘ अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के बढ़ते दाम और डॉलर के मुकाबले रुपये के लगातार गिरने के कारण ऐसे हालात पैदा हुए हैं. भारत सरकार इसको लेकर चिंतित है.’
आपको बता दें कि देशभर में पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत में आज फिर 16 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है. दिल्ली में पेट्रोल 78.68 प्रति लीटर बिक रहा है. वहीं डीजल 21 पैसे की बढ़ोतरी के साथ 70.42 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल आज 16 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी के साथ 86.09 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है तो डीजल 22 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी के साथ 74.76 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है.
इससे पहले धर्मेंद्र प्रधान ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेल की बढ़ती कीमतों के लिए अमेरिका की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने कहा, ‘ केंद्र सरकार पेट्रोल, डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंतित है तथा उनकी जांच करने के लिए सभी कदम उठाया जा रहा है.’
प्रधान ने कहा, ‘ अमेरिका की पृथक नीतियों के कारण दुनियाभर में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मुद्राओं की कीमतें गिर रही हैं. भारत की मुद्रा भी प्रभावित हुई है और तेल की कीमत असामान्य रूप से बढ़ी हैं.’ प्रधान ने कहा, ‘भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहे तेल की बढ़ती कीमतें और रुपये का अवमूल्यन दोनों के पीछे बाहरी वजहें हैं.’
पेट्रोल की बढ़ती कीमतों को लेकर कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर
पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दाम को लेकर कांग्रेस बीजेपी पर लगातार हमलावर है. कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर भारतीय नागरिकों के बजाय दूसरे देशों को पेट्रोल और डीजल सस्ते दामों पर बेचने का आरोप लगाते हुए कहा कि रिकॉर्ड ऊंची कीमतों से पीड़ित लोग इस ‘धोखे’ के लिए चुनावों में उपयुक्त जवाब देंगे.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया कि ऐसे उत्पादों की तेजी से बढ़ती कीमतों के कारण आम आदमी पिस रहा है और इस सरकार ने ‘ दैत्यकारी कर’ लागू कर देश के 11 लाख करोड़ रुपये ‘लूटे’.
उन्होंने कहा, ‘मोदी सरकार विदेशों को सस्ती कीमतों पर पेट्रोल और डीजल बेच रही है जबकि भारतीय सर्वकालिक ऊंची कीमतों के कारण पिस रहे हैं.’ उन्होंने एक बयान में आरोप लगाया, ‘सरकार द्वारा लागू किए गए दैत्यकारी करों के कारण पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छूने लगी. ईंधन पर कठोर करों से मोदी सरकार को 11 लाख करोड़ रुपये का लाभ हुआ है.