अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा 30-40 सीटें गंवा सकती है, हालांकि सत्ता में वापसी एनडीए की ही होगी। यह कहना है केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले का। चुनाव से पहले उनके इस बयान के कई राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं। वहीं, गुजरात में पाटीदार आरक्षण के मुद्दे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वे आरक्षण के मुद्दे को हल करने के लिए गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल और भाजपा के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करने के लिए भी तैयार थे। बता दें कि शिक्षा और सरकारी नौकरियों में पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को दबाए जाने के लिए पटेल अनिश्चितकालीन उपवास पर हैं।
पाटीदारों का मुद्दा हल नहीं हुआ तो….
इस बीच अठावले ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर पाटीदारों के मुद्दे को वक्त पर हल नहीं किया गया, तो अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा को गुजरात में दो से तीन सीटों पर नुकसान झेलना पड़ सकता है। उन्होंने कहा, ‘चूंकि पाटीदार सत्तारूढ़ दल (भाजपा) के खिलाफ हो गए है, इसलिए पिछले गुजरात चुनावों में भाजपा ने लगभग 15-20 सीटें गंवा दीं। यदि ऐसी ही स्थिति बनी रहती है, तो भाजपा 201 9 में दो-तीन लोकसभा सीटों को खो सकती है।’
‘हार्दिक को भाजपा नेताओं से बात करने की जरूरत’
हार्दिक पटेल का नाम लेते हुए अठावले ने कहा, ‘मैं हार्दिक को समझाने के लिए फोन पर उनसे बात करने की कोशिश करूंगा। केवल बातचीत ही इस मुद्दे को हल कर सकती है। मैं केंद्र में उनके और भाजपा के बीच मध्यस्थ बनने के लिए भी तैयार हूं। यदि वह सहमत हैं, तो मैं इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए उन्हें (हार्दिक) ले जाऊंगा।’ आगे उन्होंने कहा, ‘मैंने एक बार हार्दिक से कहा कि अगर वह भाजपा के पक्ष में रहते हैं तो वह वांछित परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। मैंने उनसे कहा कि उन्हें कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर कुछ भी नहीं मिलेगा। मुझे लगता है कि इस मुद्दे को हल करने के लिए उन्हें भाजपा नेताओं से बात करने की जरूरत है।’
कोटा के बारे में बोलते हुए अठावले ने कहा कि सामान्य वर्ग में आने वाले सभी समुदाय, गुजरात में पाटीदार, महाराष्ट्र में मराठा और हरियाणा में जाट को आरक्षण दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ’50 फीसद तक ही आरक्षण की सीमा है, इसलिए संसद को पहले 25 फीसद के अतिरिक्त कोटा की अनुमति देने के लिए संविधान में संशोधन करने की जरूरत है। हम इससे उन लोगों को बाहर कर सकते हैं जो 8 लाख रुपये से अधिक कमाते हैं। एनडीए सहयोगियों की बैठक में मैंने यह भी प्रधानमंत्री को सुझाव दिया है।’