पिछोर मध्य प्रदेश की शिवपुरी जिले की विधानसभा सीट है. इस सीट पर फिलहाल कांग्रेस का कब्जा है. पिछोर कांग्रेस का गढ़ रहा है. यहां पर पिछले 25 साल से कांग्रेस के के.पी सिंह ही जीतते आए हैं. 15 साल से जहां मध्य प्रदेश में बीजेपी सरकार की बनती आई है तो वहीं के पी सिंह हर बार अपनी सीट बचाने में सफल रहे हैं.
2013 के चुनाव में के पी सिंह को 78995 वोट मिले थे, तो वहीं दूसरे स्थान पर रहे बीजेपी के भैया प्रितम लोधी को 71882 वोट मिले थे. यानी के पी सिंह ने 6 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी.
2008 के चुनाव की बात करें तो के.पी सिंह 55081 वोट के साथ जीत हासिल किए थे. बीजेपी के भैया साहब लोधी 28246 वोट के साथ दूसरे स्थान पर थे. बीजेपी के लिए इस सीट को जीतना हमेशा मुश्किल रहा है. इस सीट पर आम आदमी पार्टी भी इस बार हाथ आजमा रही है. पार्टी ने हनुमत सिंह चौहान को मैदान में उतारा है. तो ऐसे में बीजेपी की मुश्किलें इस बार और बढ़ने वाली है.
पिछोर से कांग्रेस एक बार फिर के पी सिंह को मैदान में उतार सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस की तस्वीर पहले से साफ है. बीजेपी की ओर से भैया प्रीतम लोधी, भैया साहब लोधी, जगराम सिंह, विकास पाठक टिकट के दावेदार माने जा रहे हैं.
हालांकि ऐसा कहा जा रहा है बीजेपी इस बार वैश्य समाज की महिला उम्मीदवार को मैदान में उतार सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि बीजेपी की ओर से यहां पर सिर्फ वैश्य समाज के उम्मीदवार ही चुनाव जीत पाए हैं. पार्टी महिला उम्मीदवारों के नाम पर इसलिए विचार कर रही है कि एक तो बीजेपी ने महिला उम्मीदवारों की संख्या अधिक होने से महिला मोर्चा संतुष्ट हो जाएगा वहीं उम्मीदवार को यदि महिलाओं ने भी वोट कर दिया तो अप्रत्याशित परिणाम भी आ सकते हैं. पिछोर के बारे में जानकारों का मानना है कि वहां वर्तमान परिस्थितियों में वैश्य समाज का उम्मीदवार ही के पी सिंह को हरा सकता है