अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में कोविड-19 टीकाकरण महाअभियान की शुरुआत सफाई कर्मी मीना को पहला टीका लगाकर हुई। दूसरा टीका निदेशक प्रोफेसर रविकांत को लगाया गया। इस दौरान सफाई कर्मी मीना ने कहा, यह टीकाकरण महाअभियान स्वस्थ देश और स्वस्थ समाज के लिए बहुत जरूरी है। टीकाकरण को लेकर किसी के भी मन में किसी तरह की कोई भ्रांति नहीं होनी चाहिए।
एम्स ऋषिकेश में आयुष भवन को टीकाकरण केंद्र बनाया गया है। यहां शनिवार को अभियान का शुभारंभ एम्स निदेशक प्रोफेसर रविकांत ने रिबन काटकर किया। एम्स निदेशक ने कहा कि सफाई कर्मचारी और अन्य चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ विशेष भूमिका निभा रहे हैं। चिकित्सालय में वार्ड के भीतर और बाहर इन्हें कर्मचारियों की विशेष भूमिका रहती है।
इसलिए टीकाकरण में पहला अधिकार इसी वर्ग के कर्मचारी को मिलना चाहिए, जिसके बाद सफाई कर्मचारी मीना को पहला टीका लगाया गया। दूसरा टीका निदेशक प्रोफेसर रवि कांत और तीसरा टीका डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज कुमार गुप्ता को लगाया गया। एम्स निदेशक ने पहला टीका लगवाने वाली सफाई कर्मचारी मीना को पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया।
मैं स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रही हूं-मीना
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में टीकाकरण महा अभियान के तहत टीका लगाने के लिए सबसे पहले चयनित होने वाली सफाई कर्मचारी मीना टीका लगने के बाद पूरी तरह से स्वस्थ है। उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है इस बात का कि मैं एम्स जैसे संस्थान में काम कर रही हूं और मेरे लिए उससे ज्यादा गर्व की बात यह है कि एम्स निदेशक और वरिष्ठ जनों ने उसे इस महाअभियान में सबसे पहला टीका लगाने के लिए चुना है।
उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए निदेशक प्रोफेसर रविकांत ने उन्हें सम्मानित किया यह सम्मान मेरे जैसे उन सैकड़ों कर्मचारियों के लिए हैं जो यहां दिन-रात सेवा कर रहे हैं। सफाई कर्मी मीना ने कहा कि टीकाकरण को लेकर वह काफी उत्साहित थी, लेकिन उसे यह नहीं पता था कि अभियान के पहले दिन और सबसे पहले उसे ही टीका लगाया जा रहा है।