देश में कृषि सुधार के लिए पारित तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनकारी किसानों के साथ आज सरकार फिर बातचीत करेगी। केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच थोड़ी देर में नौवें दौर की बातचीत शुरू होगी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा विशेषज्ञ समिति को लेकर जारी विवाद के बीच आज ये बैठक हो रही है। यह बैठक भी हमेशा की तरह विज्ञान भवन में होगी। हर किसी की इसी बैठक पर नज़र है।
इससे पहले सरकार और किसान संगठनों के बीच आठ दौर की बातचीत हो चुकी है। आठ जनवरी को आठवें दौर की वार्ता में भी कोई हल नहीं निकल सका था। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि सरकार खुले मन से इस बैठक में शामिल होगी और किसानों की शंकाओं को दूर करेगी।
कृषि मंत्री पहुंचे विज्ञान भवन
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जल्द ही कृषि कानूनों पर किसानों के साथ बातचीत करने के लिए विज्ञान भवन पहुंचे। यहां पहुंचने से पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से बातचीत से पहले कहा कि सरकार, किसानों के आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करती है। सरकार समिति (न्यायालय द्वारा नियुक्त) के समक्ष अपने विचार रखेगी। हम बातचीत के जरिए मुद्दे को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।
विज्ञान भवन पहुंचे किसान
किसान नेता नए कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के साथ नौवें दौर की बातचीत करने के लिए विज्ञान भवन पहुंच गए हैं। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को तीन कानूनों को रद्द करने और एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी देने की योजना तैयार करने की आवश्यकता है।
किसान नेताओं के बयान
अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्ना मोल्ला ने कहा है कि हम बहुत उम्मीद नहीं करते हैं, सरकार के साथ अंतिम दौर की वार्ता विफल रही और अब उन्हें अदालत से सहायता प्राप्त करने का अवसर मिला है। मुझे लगता है कि सरकार चर्चाओं को आगे बढ़ाने वाली नहीं है। 3 खेती कानूनों पर और सुधार का कोई मौका नहीं है।
केंद्र सरकार के साथ होने वाली 9वें दौर की वार्ता के लिए किसान नेता सिंघु बॉर्डर से विज्ञान भवन के लिए रवाना हुए।
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन 51वें दिन जारी
टिकरी बॉर्डर पर आज 51वें दिन भी कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि सरकार के साथ हमारी पहले भी 8 बार बैठक हो चुकी है, जिसमें कोई हल नहीं निकला। किसानों को उम्मीद नहीं है कि इस बार भी बैठक में कुछ निकलेगा।
जन्मदिन पर किसानों के समर्थन में मायावती का बयान
अपने जन्मदिन के मौके पर बसपा सुप्रीमो ने कहा है कि मैं केंद्र सरकार से आग्रह करती हूं कि किसानों की सभी मांगों को मान लेना चाहिए जिसमें तीन कृषि क़ानूनों को वापस लेना विशेष है। उन्होंने कहा कि किसान अपने हित और अहित को अच्छी तरह से समझते हैं।
भूपिंदर सिंह मान ने दी सफाई
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी से अपने अलग होने पर भारतीय किसान यूनियन के नेता भूपिंदर सिंह मान ने कहा कि आंदोलन और किसानों के हितों को देखते हुए मैं समझता हूं कि उसमें(कमेटी) जाने का कोई तुक नहीं है। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने(किसानों) कह दिया है कि हम कमेटी के सामने नहीं जाने वाले हैं तो कमेटी का कोई तुक नहीं रह जाता इसलिए मैंने कमेटी को छोड़ा है।
SC ने निकाला बीच का रास्ता
11 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन पर गतिरोध को खत्म करने की दिशा में एक कदम उठाया था। इसके तहत चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन कर दिया गया है, जो किसान संगठनों के साथ सरकार से भी बातचीत कर अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंपेगी। इसके बाद सरकार और किसानों के बीच नौवें दौर की वार्ता को लेकर असमंजस बढ़ गया था, लेकिन स्थिति को स्पष्ट करते हुए तोमर ने कहा कि शुक्रवार को दोपहर 12 बजे बैठक होगी।
सुप्रीम कोर्ट की कमिटी पर विवाद !
सर्वोच्च अदालत ने मुद्दा ना सुलझने पर नाराजगी व्यक्त की थी, कमिटी का गठन किया था और कानून के लागू होने पर रोक लगा दी थी। हालांकि, अदालत ने जो कमिटी बनाई उनमें से एक भूपिंदर सिंह मान ने खुद को कमिटी से हटा लिया और किसानों का समर्थन किया। उन्होंने आज कहा है कि चूंकि विरोध करने वाले किसानों ने समिति के सामने पेश नहीं होने की घोषणा की है, इसलिए इसका कोई मतलब नहीं है।