लंबे समय से देश के किसान नए कृषि कानून को रद किए जाने की मांग कर रहे हैं। जब से ये कानून लागू हुआ है तभी से किसान इसके विरोध में उतरे हुए हैं। किसान और सरकार के बीच इसके समाधान को लेकर 9 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन ये हर बार बेनतीजा रही है। सरकार इसमें सेशोधन की गुंजाइश को बनाकर रखी हुई है लेकिन किसानों की मांग है कि इसको पूरी तरह से रद किया जाए। वहीं जानकारों की राय में ऐसे समय में इस कानून को रद करने से गलत संदेश जाएगा और भविष्य में इस तरह के विरोध बढ़ेंगे। सरकार और किसानों के बीच इस विवाद का कोई हल न निकलता देख सुप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर एक कमेटी का गठन किया है। इसमें चार सदस्य हैं। आइए जानते हैं समिति सदस्यों के बारे में…
अशोक गुलाटी
66 वर्षीय अशोक गुलाटी कृषि अर्थशास्त्री हैं। वर्ष 2015 में पद्मश्री से नवाजे जा चुके हैं। वह इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स रिलेशंस यानी आइसीआरआइईआर में इंफोसिस (कृषि) चेयर प्रोफेसर हैं। कृषि लागत और मूल्य आयोग यानी सीएसीपी के चेयरमैन रह चुके हैं। वह नीति आयोग के कृषि कार्य बल व फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया के कामकाज में सुधार लाने के लिए गठित कमेटी के सदस्य रहे हैं।
प्रमोद जोशी
मूल रूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा के रहनेवाले डॉ. प्रमोद जोशी अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान यानी आइएफपीआरआइ के निदेशक (दक्षिण एशिया) हैं। वे नेशनल एकेडमी ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च मैनेजमेंट हैदराबाद व नेशनल सेंटर फॉर एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स एंड पॉलिसी रिसर्च नई दिल्ली के निदेशक रह चुके हैं। कृषि क्षेत्र की बेहतरी के लिए काम करने वाले जोशी को कई पुरस्कार मिल चुके हैं।
भूपिंदर सिंह मान
81 वर्षीय भूपिंदर सिंह मान भारतीय किसान यूनियन (मान) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। वह भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। वर्ष 1990 में राष्ट्रपति उन्हें राज्यसभा के लिए नामित कर चुके हैं। वह ऑल इंडिया किसान कोऑर्डिनेशन कमेटी के भी अध्यक्ष हैं।
अनिल घनवट
शेतकारी संगठन का महाराष्ट्र के किसानों पर बड़ा प्रभाव माना जाता है। अनिल घनवट इसके अध्यक्ष हैं। संगठन की स्थापना शरद जोशी ने की थी।