कर्नाटक सरकार ने शनिवार को कोप्पल जिले के भानापुर गांव में देश के पहले खिलौना निर्माण क्लस्टर की आधारशिला रखी है। इसका निर्माण कार्य इसी वर्ष दिसंबर तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। सरकार के मुताबिक 400 एकड़ से अधिक भूमि में फैले इस क्लस्टर में 5,000 करोड़ रुपये तक का निवेश आने की उम्मीद है। इससे करीब 30,000 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि इस क्लस्टर में खिलौना निर्माण की 100 से अधिक इकाइयां होंगी। इससे परोक्ष रूप से भी लगभग एक लाख नौकरियां सृजित होंगी। उनके मुताबिक खिलौना निर्माण उद्योग में महिलाओं की बड़ी भागीदारी रही है। लिहाजा, इस क्लस्टर से महिला सशक्तीकरण को भी बढ़ावा मिलेगा। सीएम ने कहा कि कोप्पल में विनिर्माण क्लस्टर में रोजगार के लिए महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जो महिलाएं प्रति दिन 200 रुपये कमा रही हैं, वे प्रति दिन 600 रुपये कमा सकेंगी।
उन्होंने कहा कि खिलौना निर्माण उद्योग श्रमिक-उन्मुख है और इसमें अधिकांश श्रमिक महिलाएं होती हैं। इसलिये कोप्पल में शुरू होने वाला यह खिलौना क्लस्टर महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिये कर्नाटक सरकार ने उन्हें रात में भी काम करने की अनुमति दी है। भारत में खिलौनों के लिये कर्नाटक तीसरा सबसे बड़ा बाजार है। इसका आकार 15.9 करोड़ डॉलर है और देश के खिलौना बाजार में इसकी 9.1 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
बेंगलुरु से 365 किमी दूर स्थित कोप्पल जिले के भानापुर गांव की आबादी 2,000 से कम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ के दृष्टिकोण के अनुरूप ही खिलौना निर्माण को बढ़ावा देने के लिए कोप्पला भारत का पहला खिलौना विनिर्माण क्लस्टर बनेगा। येदियुरप्पा ने कहा कि इस साल दिसंबर तक परिसर का निर्माण पूरा होने की उम्मीद है। अगर ऐसा होता है, तो हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित करेंगे।
उद्योग मंत्री जगदीश शेट्टार ने कहा कि इस खिलौना क्लस्टर की नींव ने कर्नाटक की खिलौना बनाने की क्षमता को खोलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसमें 80 प्रतिशत नौकरियां कोप्पल के स्थानीय लोगों और राज्य के अन्य हिस्सों के लोगों को दी जाएंगी। हम कंपनियों को राज्य के बाहर से कार्यबल के लिए 10-20 प्रतिशत का मार्जिन देंगे।