सर छोटू राम ने किसानों के उन्नयन को दिया अविस्मरणीय योगदान : योगी

पुण्यतिथि पर किसानों के मसीहा को सीएम योगी ने किया नमन

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित प्रदेश के अन्य मंत्रियों ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ‘सर छोटू राम जी’ को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी है। मुख्यमंत्री ने शनिवार को कहा कि महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं प्रतिबद्ध समाज सुधारक ‘सर छोटू राम जी’ को उनकी पुण्यतिथि पर कोटिशः नमन। उन्होंने कहा कि छोटू राम जी का वंचितों, शोषितों एवं किसानों के सर्वांगीण उन्नयन के लिए अविस्मरणीय योगदान हम सभी के लिए एक महान प्रेरणा है।उनके आदर्श जीवन मूल्य ‘अन्त्योदय’ का मार्ग प्रशस्त करते हैं। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानी, प्रख्यात समाजसेवी एवं किसानों के अग्रणी नेता ‘दीनबंधु’ सर छोटूराम जी की पुण्यतिथि पर उन्हें कोटि-कोटि नमन एवं विनम्र श्रद्धांजलि।

सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने ट्वीट किया कि महान स्वतंत्रता सेनानी, प्रख्यात समाजसेवी एवं किसानों के अग्रणी नेता ‘दीनबंधु’ सर छोटूराम जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अशोक कटारिया ने कहा कि किसानों, मजदूरों, वंचितों की आवाज बनकर सदैव उनके उत्थान के लिए कार्यरत रहने वाले महान समाज सुधारक, क्रांतिकारी दीनबंधु सर छोटूराम जी को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। चौधरी छोटूराम का जन्म 24 नवम्बर 1881 में पंजाब प्रांत में रोहतक (अब हरियाणा) के गांव गढ़ी सांपला में हुआ था। उनका असली नाम रिछपाल था। घर में सबसे छोटे होने के कारण उनका नाम छोटू राम पड़ गया। उन्होंने 1905 में दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। 1910 में उन्होंने आगरा कॉलेज से एलएलबी की डिग्री हासिल की।

छोटू राम ने प्रथम विश्व युद्ध में रोहतक के 22 हजार से ज्यादा को सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित किया। ब्रिटिश शासनकाल में उन्होंने किसानों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। दीनबंधु छोटू राम ने क्रांतिकारी सुधारों से पंजाब की सूरत बदल दी। उन्हें साल 1930 में दो महत्वपूर्ण कानून पारित कराने का श्रेय दिया जाता है। ये कानून पंजाब रिलीफ इंडेब्टनेस, 1934 और द पंजाब डेब्टर्स प्रोटेक्शन एक्ट, 1936 थे। इन कानूनों में कर्ज का निपटारा किए जाने, उसके ब्याज और किसानों के मूलभूत अधिकारों से जुड़े हुए प्रावधान थे। छोटूराम का कद और व्यक्तित्व इतना बड़ा था कि सरदार पटेल भी उनके मुरीद थे। एक बार सरदार पटेल ने छोटूराम के बारे में कहा था कि आज चौधरी छोटूराम जीवित होते तो पंजाब की चिंता हमें नहीं करनी पड़ती, छोटूराम जी संभाल लेते।

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