सही सन्देश पहुंचाने में नुक्कड़ नाटकों की अहम् भूमिका : डा.सूर्यकांत

लोक कला दलों का दो दिवसीय प्रशिक्षण

लखनऊ : स्वास्थ्य सम्बन्धी संदेशों को जन जन तक पहुंचाने और समुदाय में जागरूकता लाने में नुक्कड़ नाटक अमिट छाप छोड़ते हैं। यह एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिये लोगों से अपनी बात सहज और सरल तरीके से पहुंचाई जा सकती है। यह बात किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पेरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष और कोरोना टास्क फ़ोर्स के सदस्य डा.सूर्यकांत ने शुक्रवार को राजधानी के एक होटल में स्वयंसेवी संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के तत्वावधान में आयोजित लोक कला दलों के दो दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान कहीं। इस अवसर पर डा.सूर्यकांत ने कहा कि कोविड की वैक्सीन आने के बाद भी लोगों को कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करना बहुत ही जरूरी है। वैक्सीन पहले चरण में स्वास्थयकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स तक ही पहुँच पाएगी। उन्होंने कहा कि आम लोगों तक वैक्सीन के पहुँचने में वक्त लगेगा। इसलिए शुरुआती दौर से हम जिस तरीके से सुरक्षा सम्बन्धी व्यवहार अपनाते थे, उसे जारी रखना है।

उन्होंने कहा कि मास्क लगाना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि वह कोरोना ही नहीं बल्कि कई अन्य बीमारियों से भी हमारी रक्षा करता है। इसी तरह से हाथों की साफ़ सफाई से भी हम कई संक्रामक बीमारियों को मात दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि एक दूसरे से दो गज की दूरी भी अभी बहुत जरूरी रहेगी। वैक्सीन के बारे में उन्होंने कहा कि यह जनता के बीच बहुत जल्दी पहुंचायी जा रही है किन्तु यह परीक्षणों में पूरी तरह से खरी उतरी है जो कि हर किसी के लिए सुरक्षित और असरदार साबित होगी। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों ने डा. सूर्यकांत से प्रश्न किये– “कोरोना मरीज के ठीक होने के बाद भी क्या उनसे दूरी बनानी चाहिए, इसके जवाब में डा.सूर्यकांत ने कहा- नहीं। इसके आलावा प्रतिभागियों ने पूछा कि क्या वैक्सीन सुरक्षित है जवाब में डा. सूर्यकांत ने बताया- वैक्सीन को लेकर लोगों को कोई संशय नहीं पालना चाहिए क्योंकि यह सबसे पहले हम चिकित्सकों को ही लगेगा। इसलिए आम जनता को इससे डरने की जरूरत नहीं है।

इस मौके पर सीफार संस्था की आरती धर ने स्वास्थ्य संचार और विशेष रूप से कोरोना संबधी संचार में विश्वसनीय सूत्रों और सही जानकारी और संदेशो की जानकारी होना और वही साझा करना चाहिए उन्होंने कोविड संक्रमण की चपेट में आने के बाद के अपने अनुभवों को साझा करते हुए बचाव सम्बन्धी बारीकियों के बारे में भी लोगों को बताया। इस अवसर पर नाट्य विधा में पारंगत वाराणसी की प्रतिष्ठित संस्था मंचदूतम के सदस्यों अजय रोशन और ज्योति ने आज के इस प्रशिक्षण शिविर में उपस्थित प्रतिभागियों को नुक्कड़ नाटकों की बारीकियों को अच्छी तरह से सिखाया। लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों, छत्तीसगढ़ और बिहार के प्रतिभागियों ने भी वर्चुयल माध्यम से प्रतिभाग किया। यह प्रतिभागी हर रविवार आयोजित होने वाले मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को जागरूक करेंगे।

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