चाणक्य एक श्रेष्ठ विद्वान थे. चाणक्य की चाणक्य नीति व्यक्ति को जीवन में सफल बनने के लिए प्रेरित करती है. यही वजह है कि आज भी बड़ी संख्या में लोग चाणक्य नीति की शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारने की कोशिश करते हैं.
चाणक्य की गिनती भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है. उनकी लिखी हुई चाणक्य नीति व्यक्ति को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है. व्यक्ति के जीवन में उतार चढ़ाव आते रहते हैं. लाभ और हानि व्यक्ति के जीवन का एक हिस्सा है. जिस प्रकार से रात के बाद दिन का होना निश्चित है उसी प्रकार से दुख के बाद सुख का आना सुनिश्चित है.
चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में इन्ही सब बातों पर प्रकाश डाला है. सुख और दुख में व्यक्ति को किस तरह से बर्ताव करना चाहिए इस पर चाणक्य ने बहुत ही प्रभावशाली ढंग से बताया है. इन बातों को जिसने समझ लिया उसके जीवन में सुख और शांति हमेशा बनी रहती है.
लालच का त्याग करें
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति के दुखों का एक कारण लालच भी है. जिसके जीवन में लालच है, उसक मन हमेशा अशांत रहता है. वह अपने आसपास होने वाली छोटी- छोटी खुशियों को भी महसूस नहीं कर पाता है. इसलिए व्यक्ति को लालच से दूर ही रहना चाहिए.
क्रोध से दूर रहें
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति का सबसे बड़ा शत्रु क्रोध है. क्रोध व्यक्ति की सोचने की शक्ति को कमजोर कर देता है. इसीलिए क्रोध में व्यक्ति कभी कभी ऐसा कदम भी उठा लेता है जिसके कारण उसे जीवन भर दुख उठाना पड़ता है. इसलिए सुख की चाहत रखते हैं तो जीवन से क्रोध को दूर कर दें. क्योंकि क्रोध करने वाले व्यक्ति से हर कोई दूरी बनाकर रखता है.
मानव कल्याण के बारे में सोचें
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को अपने साथ साथ दूसरों के बारे में भी चिंता करनी चाहिए. सक्षम व्यक्ति को दूसरों की मदद के लिए सदैव प्रयास करना चाहिए. यही प्रयास व्यक्ति को परोपकारी बनाता है. दूसरों के लिए भी व्यक्ति को जीना चाहिए. जो व्यक्ति इस सोच से जीवन को जीता है उसके पास धन की कोई कमी नहीं रहती हैं. लक्ष्मी जी का आर्शीवाद मिलता है.