शिवकाशी की तिलकभामा का फूलमालाओं से भव्य स्वागत

जायसवाल क्लब ने स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्रम भेंटकर किया सम्मानित
तिलकभामा ने स्वजातिय महिलाओं को समाज में आगे आने का किया आह्वान

-सुरेश गांधी

वाराणसी। तमिलनाडू के शिवकाशी से आई तिलकभामा का बुधवार को बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में गर्मजोशी से स्वागत किया गया। तिलकभामा जायसवाल क्लब महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्षा, लेखिका एवं तमिलनाडू की राजनीतिक पार्टी पीएमके की राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष है। जायसवाल क्लब के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज जायसवाल की अगुवाई में लाल बहादुर इंटरनेशनल एअरपोर्ट, बाबतपुर से लेकर क्लब के जगतगंज कार्यालय तक स्वजातिय बंधुओं ने जगह-जगह उनके सम्मान में गुलदस्ते भेंट की। इस दौरान क्लब की ओर से महिला जायसवाल क्लब की प्रदेश अध्यक्ष रानिका जायसवाल ने तिलकभामा को काशी की स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्रम एवं जायसवाल क्लब का स्मृति चिन्ह सौंपकर सम्मानित किया गया। इसके अलावा फिल्म इंडस्ट्री के सिंगर अजय जायसवाल को भी राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज जायसवाल ने स्मृति चिन्ह भेट कर सम्मानित किया।

इस मौके पर बड़ी संख्या में मौजूद स्वजातिय बंधुओं को संबोधित करते हुए तिलकभामा ने कहा कि मनुष्य सामाजिक प्राणी है और समूहों में रहता है। विश्व के समस्त जीवधारियों में केवल वही संस्कृति का निर्माता है। इस विशेषता का मूल कारण है भाषा। भाषा के ही माध्यम से एक पीढ़ी की संचित अनुभूति भविष्य की पीढ़ियों को मिलती है। प्रत्येक पीढ़ी की संस्कृति का विकास होता है। संस्कृति परिसर का वह भाग है जिसका निर्माण मानव स्वयं करता है। उन्होंने कहा कि संस्कृति उस समुच्चय का नाम है जिसमें ज्ञान, विश्वास, कला, नीति, विधि, रीति-रिवाज़ तथा अन्य ऐसी क्षमताओं और आदतों का समावंश रहता है जिन्हें मनुष्य समाज के सदस्य के रूप में मानता है। शिवकाशी और काशी दोनों की अपनी महत्ता एवं आत्मीयता एक है। इन शहरों से देश के अन्य शहरों गांवों को विकास के लिए प्रेरणा प्राप्त होनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने स्वजातिय महिलाओं का आह्वान किया वे चाहे शहरी हो ग्रामीण समाज के क्षेत्र में आगे, राजनीति में बढ़चढ़कर हिस्सा ले, इससे समाज और अधिक मजबूत होगा।

श्रीमती तिलकभामा ने कहा कि समाज के उत्थान के लिए मनोज जायसवाल द्वारा किए जा रहे प्रयास व योगदान सराहनीय है। उनके अथक प्रयासों से अब समाज के लोग जागरुक होकर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं। समाज के उत्थान में जुटे लोगों का सदैव सम्मान होना चाहिए। उन्हीं की प्रेरणा से नित नूतन मुकाम मिल रहे हैं। उन्होंने समाज के संगठित रहने पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा और सामाजिक एकजुटता से ही समाज का विकास संभव है। अगर ऐसा हुआ तो सामाजिक एवं धार्मिक दृष्टिकोण से लाभकारी सिद्ध होगा। उन्होंने समाज के लोगो से आह्वान किया कि वे अपने बच्चों के शिक्षा पर विशेष ध्यान दें। सामाजिक कुरीतियों का त्याग करें। आपस में विवाद न कर समाज को विकसित करने में अपनी भागीदारी निभाएं। हमें अपने संगठन को मजबूत करना होगा, तभी हमारे समाज का विकास सम्भव हैं। इस मौके पर समाज को एकीकृत संगठित करने, समाज के सभी लोगों को जोडऩे, समाज की मान-मर्यादा को ठेस पहुंचाने वालों के खिलाफ चट्टानी एकता का परिचय देकर मुकाबला करने और समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने का निर्णय लिया गया। श्रीमती तिलकभामा को सम्मानित करने वालों में जायसवाल महिला क्लब की प्रदेश अध्यक्ष रानिका जायसवाल, संस्थापक सदस्य विजय प्रकाश जायसवाल, भगवानदास जायसवाल, लक्ष्मीनारायण जायसवाल, गोपालजी जायसवाल, मुरलीधर जायसवाल, रमेश जायसवाल, धर्मेन्द्र जायसवाल, प्रीति जायसवाल, शिवानी जायसवाल, जीत जायसवाल, शरद जायसवाल, विजय जायसवाल, रीना जायसवाल आदि शामिल थे।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com