वैक्सीन पर दी फिर सफाई, बोले वैज्ञानिकों पर नहीं उठाए सवाल
लखनऊ। कोरोना वैक्सीन न लगवाने के बयान के बाद विवादों में आए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मामले को लेकर एक बार फिर अपनी सफाई दी है। उन्होंने सोमवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मैंने या समाजवादी पार्टी ने कभी विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं या वैज्ञानिकों से सवाल नहीं किया। अगर कुछ सन्देह है, तो स्पष्ट करना सरकार की जिम्मेदारी है। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा केवल सजावटी काम करती है। सरकार हर चीज का क्रेडिट लेना चाहती है। भाजपा सरकार ने अभी तक जो भी फैसले किए हैं, उससे जनता को नुकसान हुआ है। जनता को भाजपा सरकार पर भरोसा नहीं है। सरकार से हमारा सवाल है कि गरीबों को वैक्सीन कब मिलेगी। उन्होंने पूछा कि एक साल में, दो साल में या तीन साल में। उन्होंने पूछा कि वैक्सीन गरीबों को मुफ्त मिलेगी या नहीं?
अखिलेश यादव ने कहा कि वाट्सएप से लेकर अखबारों और अन्य स्थानों पर कोरोना वैक्सीन को लेकर जो खबरें चल रही हैं उस पर सरकार को बयान देना चाहिए। सच्चाई सामने आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम तो कहते हैं कि सबसे पहले मीडियाकर्मियों को वैक्सीन लगे क्योंकि मीडिया ने लोगों ने देश में कोरोनाकाल में फ्रंटलाइन काम किया है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा की सरकार पर किसानों को बिल्कुल भरोसा नहीं है। भाजपा ने मंडी बंद कर दी, कई मंडी बेच दी। इस दौरान कितने किसानों पर आंसू गैस के गोले चलाए गए, कितनों की हत्या हो गई, कितनों ने आत्महत्या कर ली और कितनों की जानें चली गई लेकिन इस सरकार को किसानों की परवाह नहीं है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि श्मशान और भाजपा का पुराना नाता रहा है। गाजियाबाद के मुरादनगर प्रकरण को लेकर कहा कि उस श्मशान घाट की छत बालू से बनाई गई थी। जो घटना हुई, उसके लिए भाजपा जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि इससे पहले वाराणसी में फ्लाईओवर गिरने की घटना में भी भाजपा जिम्मेदार थी। सरकार को दो लाख रुपये के बजाय पचास-पचास लाख रुपये की मदद करनी चाहिए। अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कंफ्यूज हैं और हम कंफ्यूज हैं कि वह योगी हैं। राम सबके हैं हम सब उनको मानते हैं। गोरखपुर की मेट्रो योगी आदित्यनाथ चला नहीं पाए और लखनऊ मेट्रो को चलाने की बात खुद करते हैं। उन्होंने बीच-बीच में मुख्यमंत्री योगी के कई वीडियो भी चलाए। उनकी घोषणाओं को मीडिया को सुनाया और हर घोषणा पर सवाल खड़े किये।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून का राज खत्म हो गया है। नए-नए अपराधी आ गए हैं। वहीं सरकार ने व्यापापरियों की कोई मदद नहीं की। बैंकों ने भी सहयोग नहीं किया। कारखाने और प्रतिष्ठान बंद रहे फिर भी उन्हें बिजली का बिल देना पड़ रहा है। व्यापारियों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। भाजपा सरकार में सबसे ज्यादा लूट और हत्या की घटनाएं भी व्यापारियों के साथ हुई हैं। कोई कार्रवाई नहीं हुई। सपा सरकार बनने पर व्यापारियों का डाटा बनाएंगे उन्हें डायल हंड्रेड से जोड़ा जाएगा और व्यापारियों की सुरक्षा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गन्ना मूल्य का भुगतान दस हजार करोड़ रुपये बकाया है। उन्होंने आजमगढ़ को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि आजमगढ़ में भाजपा हार गई तो वहां हर काम रोक दिया गया है। हवाई पट्टी तक नहीं बनने दी जा रही है। वहां के लोगों से बदला लिया जा रहा है। वहां के किसानों को गन्ने का भुगतान इसलिए नहीं हो रहा है क्योंकि वह स्वयं वहां के सांसद हैं।
सपा अध्यक्ष ने किसानों को सम्मान राशि दिए जाने को लेकर कहा कि यह सरकार हमारी नकल कर रही है। हम लोग पांच सौ रुपया महीना समाजवादी पेशन देते थे। हमने कभी नहीं कहा कि छह हजार सालाना देते हैं। पेंशन सभी गरीबों को मिलती थी। उसे इस सरकार ने बंद कर केवल किसानों को देना शुरू किया। अखिलेश यादव ने कहा कि सपा आगामी चुनाव में किसी भी बड़े दल से गठबंधन नहीं करेगी। सपा ने छोटे दलों के लिए अपने दरवाजे खुले रखे हैं। जो दल साथ में हैं या जिन्होंने मदद की थी वह चुनाव में साथ रहेंगे।