देश में व्यापक पैमाने पर चल रहे किसान आंदोलन को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा कि किसानों के प्रति असंवेदनशील होने का कोई सवाल ही नहीं है। हमारे किसान प्रदर्शन कर रहे हैं और केवल मैं ही ही दुखी नहीं हूं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इससे दुखी हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ ताकतों ने किसानों के बीच गलतफहमियां पैदा करने की कोशिश की है। हमने कई किसानों से भी बात की है। किसानों से मेरा केवल यही अनुरोध है कि खंड-वार चर्चा की जानी चाहिए और यह केवल हां ’या ‘नहीं’ में नहीं होनी चाहिए। हम जल्द समाधान निकालने की कोशिश करेंगे।
उन्होंने कहा कि हमारे सिख भाइयों ने हमेशा भारत की संस्कृति की रक्षा की है। देश के स्वाभिमान की रक्षा के लिए उनके योगदान को याद किया जाएगा। उनकी ईमानदारी पर कोई सवाल नहीं है।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी मुझसे छोटे हैं और मैं उनसे ज्यादा कृषि के बारे में जानता हूं। क्योंकि मैं किसान और पीएम मोदी गरीब माता के गर्भ से पैदा हुए हैं। इसलिए हम किसानों के खिलाफ फैसले नहीं ले सकते।
राजनाथ ने कहा कि सरकार ने बार-बार कहा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी रहेगा। अगर नेता लोकतंत्र में वादों को पूरा नहीं करते हैं तो लोग उन्हें दंडित करेंगे। हम किसानों की आय बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।
किसान आंदोलन पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान पर राजनाथ सिंह ने कहा कि किसी दूसरे देश के प्रधानमंत्री को हमारे आंतरिक मामले में बोलने का अधिकार नहीं है। उन्हें हमारे मुद्दे से दूर रहना चाहिए।
राजनाथ सिंह ने कहा कि पीएम के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए। पीएम सिर्फ एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक संस्था हैं। मैंने कभी किसी पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया। “मर जा, मर जा” के नारे पीएम के खिलाफ लगाए गए, मुझे वाकई बहुत दुख हुआ।
उन्होंने किसानों को ‘नक्सली’ और ‘खालिस्तानी’ पर नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि हम किसानों के प्रति अपना गहरा सम्मान व्यक्त करते हैं। वे हमारे ‘अन्नदाता’ हैं।