कान की समस्या से पीड़ित मरीजों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें कान संबंधी समस्याओं की उच्चस्तरीय जांच व उपचार के लिए अन्य शहरों का रुख नहीं करना पड़ेगा। शहर स्थित बीडी पांडे अस्पताल में ही उन्हें बेहतर उपचार मिल पाएगा। अस्पताल में श्रवण रोगियों के लिए ऑडियोमेट्रि रूम तैयार करने की तैयारी की जा रही है। जिसके लिए शासन की ओर से बीस लाख रुपए बजट भी जारी कर दिया गया है। जल्द निर्माण कार्य करने के बाद मरीजों को इस सुविधा का लाभ मिल पाएगा।
नैनीताल व समीपवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों के हजारों लोग उपचार के लिए बीडी पांडे अस्पताल पर ही निर्भर है। यहां रोजाना 20 मरीज कान संबंधी समस्याओं को लेकर पहुंचते हैं। जिसमें दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने वाले लोग भी शामिल है। अस्पताल में ऑडियोमेट्री मशीन व रूम के अभाव के चलते प्रतिमाह 35 से 40 लोगों को हल्द्वानी अथवा अन्य जगह रेफर कर दिया जाता है। लेकिन अब इन मरीजों को अस्पताल में ही सारी जांचे हो पाएंगी।
पीएमएस डॉ केएस धामी ने बताया कि शासन की ओर से ऑडियोमेट्री रूम स्थापित करने के लिए बीस लाख रुपए जारी किए गए हैं। जिससे रूम स्थापना के साथ ही उपकरणों की खरीदी की जानी है। जल्दी टेंडर प्रक्रिया निपटा कर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। जिसके बाद शहर व समीपवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को इसका लाभ मिल पाएगा।
इस तरह होगी जांच
ऑडियोमेट्री टेस्टिंग रूम में श्रवण- वाक थैरेपी में सुनने की क्षमता की सूक्ष्म जांच की जाती है। इस रूम के पूरी तरह साउंड प्रूफ होने के कारण बाहरी वातावरण का इस पर कोई प्रभाव नही पड़ता। जांच के परिणाम बिल्कुल सटीक होते हैं।
दिव्यांगों को भी मिलेगा लाभ
श्रवण संबंधी समस्याओं को लेकर अस्पताल में हर माह भारी संख्या में लोग जांच को लेकर पहुंचते हैं। ऐसे में कई लोग विकलांग प्रमाण पत्र बनवाने के लिए भी अस्पताल के चक्कर काटते हैं। अस्पताल में ऑडियोमेट्री रूम नहीं होने के चलते उन्हें हल्द्वानी बेस व महिला अस्पताल की शरण लेनी पड़ती है। डॉ धामी ने बताया कि ऑडियोमेट्री रूम स्थापित होने के बाद दिव्यांग लोगों को भी प्रमाण पत्र बनवाने में आसानी होगी।
ऑडियोलॉजिस्ट की शासन से की मांग
डॉक्टर धामी ने बताया कि ऑडियोमेट्री रूम व उपकरणों के संचालन के लिए विशेषज्ञ की आवश्यकता होती है। शासन की ओर से ऑडियोमेट्री रूम स्थापित करने के लिए बजट तो आवंटित कर दिया गया है, लेकिन अभी तक अस्पताल में ऑडियोलॉजिस्ट का पद मौजूद नहीं है। जिसको लेकर शासन को पत्र लिखकर ऑडियोलॉजिस्ट की मांग की गई है।