प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को दिल्ली मेट्रो की मेजेंटा लाइन पर देश की पहली ड्राइवर लेस मेट्रो को हरी झंडी दिखाएंगे। इसके अलावा पीएम मोदी एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) सेवा की शुरुआत करेंगे। कार्यक्रम सोमवार सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए होगा। दिल्ली मेट्रो की मेजेंटा लाइन पर बिना ड्राइवर वाली ट्रेन की शुरुआत से डीएमआरसी विश्व के उन सात मेट्रो नेटवर्क में शामिल हो जाएगी, जहां बिना ड्राइवर ट्रेन चलाई जा रही है।
37 कि.मी. लंबी मेजेंटा लाइन (जनकपुरी पश्चिम – बॉटनिकल गार्डन) पर बिना ड्राइवर वाली ट्रेन सेवा की शुरुआत के बाद 57 कि.मी. लंबी पिंक लाइन (मजलिस पार्क – शिव विहार) पर भी वर्ष 2021 के मध्य से ड्राइवर लेस मेट्रो का परिचालन शुरू हो जाएगा। इसके बाद दिल्ली मेट्रो के लगभग 94 कि.मी. लंबे नेटवर्क पर बिना ड्राइवर वाली मेट्रो चलने लगेगी जो विश्व के कुल बिना ड्राइवर वाले मेट्रो नेटवर्क का लगभग 9 फीसद होगा।
बिना ड्राइवर वाली ट्रेनें पूर्णतया स्वचालित होंगी जिनमें न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता होगी। इससे मानवीय भूलों की आशंकाएं समाप्त हो जाएंगी। दिल्ली मेट्रो यात्रियों की सुविधा के लिए प्रौद्योगिकी युक्त विकल्पों की शुरुआत में अग्रणी रही है और इस दिशा में यह अगला कदम है।
एयरपोर्ट मेट्रो पर पूरी तरह संचालित होने वाला नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड भी प्रमुख उपलब्धि है। डेबिट कार्ड धारक कोई भी व्यक्ति उस कार्ड के इस्तेमाल से एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर यात्रा कर सकेगा। यह सुविधा वर्ष 2022 तक संपूर्ण दिल्ली मेट्रो नेटवर्क पर उपलब्ध हो सकेगी।
वर्तमान में दिल्ली मेट्रो लगभग 390 कि.मी. लंबे नेटवर्क पर ट्रेन संचालन कर रही है, इसमें 11 कॉरिडोरों (नोएडा-ग्रेटर नोएडा सहित) पर 285 स्टेशन हैं। दिल्ली मेट्रो नेटवर्क पर कोविड संक्रमण से पूर्व प्रतिदिन लगभग 60 लाख यात्राएं पूरी की जाती रही थीं जिससे यह नेटवर्क राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के जन परिवहन की रीढ़ बन गया है।
पिछले छह वर्षों में पूरे देश में मेट्रो रेल के परिदृश्य में व्यापक बदलाव हुआ है। जहां वर्ष 2014 में पांच शहरों में केवल 248 कि.मी. मेट्रो लाइनें चालू थीं, इस समय भारत के 18 शहरों में 702 कि.मी. मेट्रो लाइनें चालू हैं। आने वाले समय में, एक हजार किलोमीटर से अधिक लंबी नई लाइनें जुड़ेंगी और देश के लगभग 27 शहरों में मेट्रो कनेक्टिविटी होगी। वर्ष 2022 तक, जब देश अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा होगा, भारत में एक हजार किलोमीटर से अधिक का एक संयुक्त मेट्रो नेटवर्क होगा, जिस पर प्रतिदिन एक करोड़ से अधिक यात्री यात्रा कर सकेंगे।