यूपी में ग्राम प्रधानों का कार्यकाल समाप्त, एडीओ देखेंगे अब गांव सरकार का कामकाज
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शुक्रवार की आधी रात के बाद ग्राम प्रधानों का कार्यकाल समाप्त हो गया। उनके सारे अधिकार छीन लिए गए। प्रदेश में गांव की सरकार का कामकाज अब सहायक विकास अधिकारी (एडीओ) देखेंगे। योगी सरकार 31 मार्च तक त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव की तैयारी में है। दरअसल, प्रदेश के ग्राम प्रधानों के कार्यकाल का अंतिम दिन 25 दिसम्बर था। इसके पहले पंचायतों के चुनाव हो जाने थे। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते चुनाव की तैयारियां नहीं हो सकीं। ऐसे में पंचायतीराज विभाग ने चुनाव होने तक नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी की है। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह का कहना है कि चुनाव होने तक गांवों में एडीओ प्रशासक के रूप में नियुक्त किए जाएंगे। इसके लिए जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों का पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर चुनाव न हो पाने की स्थिति में प्रशासक नियुक्त किए जाते हैं। यह नियुक्ति नई ग्राम पंचायत के गठन तक या छह माह के लिए होती है।
प्रदेश की योगी सरकार त्रिस्तरीय पंचायत यानी ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के चुनाव 31 मार्च तक कराने की तैयारी में है। पंचायती राज विभाग जनवरी के अंतिम सप्ताह से फरवरी के प्रथम सप्ताह के बीच चुनाव के संबंध में संभावित कार्यक्रम देने पर विचार कर रहा है। राज्य निर्वाचन आयोग भी चुनाव की तैयारी में जुटा हुआ है। आयोग ने अधिकारियों को 22 जनवरी तक मतदाताओं की सूची तैयार कर लेने का निर्देश भी दिया है। दरअसल प्रदेश में नगरीय सीमा का विस्तार होने से ग्राम पंचायतों और क्षेत्र पंचायतों की संख्या में कमी आई है। सरकार द्वारा इनके पुनर्गठन के लिए परिसीमन का काम शुरू किया गया है। उम्मीद है कि यह कार्य 15 जनवरी तक पूरा हो जाएगा। परिसीमन के साथ जनवरी माह में ही आरक्षण का काम भी समाप्त करने की योजना है। इस तरह परिसीमन और आरक्षण का कार्य पूरा होते ही राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव की अधिसूचना जारी कर देगा। अप्रैल में बोर्ड की परीक्षाएं भी हैं। ऐसे में चुनाव की तिथियां परीक्षा को ध्यान में रखते हुए निर्धारित की जाएंगी।