सर्जन वाइस एडमिरल रजत दत्ता को सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा

(डीजीएएफएमएस) के नए महानिदेशक के रूप में हुए नियुक्त

लखनऊ : प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ और सेना अस्पताल (आर एंड आर) के पूर्व कमांडेंट सर्जन वाइस एडमिरल रजत दत्ता को सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (डीजीएएफएमएस) के नए महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है। वह 1 जनवरी 2021 को कार्यालय ग्रहण करेंगे। उनका कार्यकाल 23 महीने का होगा। वर्तमान नियुक्ति को संभालने से पहले, वाइस एडमिरल रजत दत्ता महानिदेशक, चिकित्सा सेवा (नौसेना) के प्रतिष्ठित पद पर नियुक्त हैं। सर्जन वाइस एडमिरल रजत दत्ता सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज, पुणे के पूर्व छात्र हैं और 1982 में एमबीबीएस पूरा करने के बाद 27 दिसंबर 1982 को एएमसी में नियुक्त हुए। उसके बाद 1990 में उन्होंने बैंगलोर विश्वविद्यालय से जनरल मेडिसिन अर्थात एमडी और डीएनबी में अपनी पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई की और इसके बाद 1998 में पुणे विश्वविद्यालय से कार्डियोलॉजी में डॉक्टरेट ऑफ मेडिसिन (डीएम) किया। वह सोसाइटी ऑफ़ कार्डियोवास्कुलर एंजियोग्राफी और इंटरवेंशंस यू.एस.ए. में एक फैलो भी हैं। वाइस एडमिरल दत्ता भारत के राष्ट्रपति के कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में नियुक्त हैं।

वाइस एडमिरल रजत दत्ता एक प्रतिबद्ध डॉक्टर हैं, जो अपनी पेशेवर क्षमता और कौशल के लिए प्रसिद्ध हैं। एक कुशल शिक्षक और कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर के साथ-साथ भारत में कई विश्वविद्यालयों और स्नातकोत्तर चिकित्सा संस्थानों जैसे महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, जिपमर, नेशनल बोर्ड ऑफ़ एग्जामिनेशन के लिए एक परीक्षक हैं। इसके अतिरिक्त, वह आईआईटी रुड़की में जैव प्रौद्योगिकी विभाग के परीक्षक भी हैं। पिछले साढ़े तीन दशकों में, कई सैन्य अस्पतालों में सामान्य नियुक्तियों के अलावा, वाइस एडमिरल रजत दत्ता ने 151 बेस अस्पताल और कमान अस्पताल, पश्चिमी कमान, चंडीमंदिर में वर्गीकृत विशेषज्ञ (मेडिसिन और कार्डियोलॉजी) के रूप में भी काम किया है। वाइस एडमिरल रजत दत्ता पुणे के आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियो-थोरैसिक साइंसेज और आर्मी हॉस्पिटल (आर एंड आर) कैंट दोनों स्थानों पर सीनियर एडवाइजर और बाद में कंसल्टेंट (मेडिसिन और कार्डियोलॉजी) के रूप में, कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख थे। वह कमांडेंट एएफसी, नई दिल्ली पद पर नियुक्त थे जहां वह सेना प्रमुख के लिए चिकित्सक थे। वह अपर महानिदेशक, चिकित्सा सेवा (सेना) नई दिल्ली भी थे। वह मध्य कमान के कमान अस्पताल लखनऊ के कमांडेंट और मध्य कमान के एमजी मेडिकल के साथ-साथ दिल्ली कैंट स्थित आर्मी हॉस्पिटल (आर एंड आर) के कमांडेंट रह चुके हैं। इन सभी प्रशासनिक नियुक्तियों में, उन्होंने एक कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में अपना काम जारी रखा और ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट (टीएवीआर) प्रक्रियाओं में सशस्त्र बलों में अग्रणी होने का एक अलग सम्मान है, जिसके लिए उन्हें देश में सबसे बड़ी संख्या में सफल मामलों को सँभालने वाले सोलो इम्प्लान्टर में से एक के रूप में एंडोर्स किया गया है।

उनके समर्पण और विशिष्ट सेवा के लिए उन्हें 2005 में वीएसएम, 2014 में एसएम (विशिष्ट) और 2017 में एवीएसएम से सम्मानित किया गया। उन्हें क्रमशः 2006 और 2008 में पश्चिमी कमान के जीओसी-इन-सी और दक्षिण कमान के जीओसी-इन-सी के कमेंडेशन कार्ड से भी सम्मानित किया गया है। वाइस एडमिरल रजत दत्ता को 01 फरवरी 2020 से भारत के राष्ट्रपति के मानद सर्जन के रूप में नियुक्त किया गया है। अपने साथियों और जूनियर्स के बीच बेहद लोकप्रिय वाइस एडमिरल दत्ता को एएमसी के कर्नल कमांडेंट के रूप में चुना गया था। वाइस एडमिरल रजत दत्ता की पत्नी मेजर जनरल रश्मि दत्ता, मुख्यालय दिल्ली क्षेत्र की एमजी (मेड) हैं और उनके बेटे मेजर शिवेश दत्ता अपने माता-पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए एएमसी के 404 फील्ड अस्पताल में तैनात हैं।

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