गांव-गांव में गठित हो खेती बचाओ संघर्ष समिति : रामगोविंद चौधरी

नेता प्रतिपक्ष बोले, कारपोरेट और किसानों के बीच चल रहे इस आर पार के संघर्ष में तटस्थ रहने वालों को इतिहास नहीं क्षमा करेगा

बलिया। उत्तर प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने लोकतंत्र और समाजवाद में विश्वास करने वाले देश के सभी लोगों से अपील की है कि वह खेती बारी और किसानी की रक्षा के लिए गांव गांव में खेती बचाओ संघर्ष समितियों का गठन करें और किसान आंदोलन के साथ तन मन धन से जुड़े नहीं तो कारपोरेट समूह और किसानों के बीच चल रही इस आर पार की लड़ाई में किसान कमजोर पड़ जायेगा। बुधवार को देश के प्रथम किसान प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उत्तर प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम हो या तानाशाही से मुक्ति का संग्राम, उसमें बागी बलिया और समाजवादियों की अग्रणीय भूमिका रही है। कारपोरेट बनाम किसान के इस संघर्ष में भी बागी बलिया और समाजवादियों को अपनी इस अग्रणीय भूमिका के लिए आगे आना चाहिए।

उन्होंने कहा कि खेती बारी और किसानी बचाने के लिए चल रहे इस संघर्ष में इधर किसान हर रोज शहादत दे रहा है, उधर किसान का बेटा देश की सीमाओं की रक्षा में सरहद पर शहादत दे रहा है। दोनों को नमन कर विवादस्पद तीनों कृषि कानून वापस लेने की जगह अम्बानी और अडानी सरकार के मंत्री किसानों को देश विरोधी का सर्टिफिकेट दे रहे हैं। इसकी जितनी भी निन्दा की जाए कम है। नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने राष्ट्रकवि रामधारी दिनकर की कविता—
” समर क्षेत्र में नहीं पाप का भागी केवल व्याध,
जो तटस्थ है समय लिखेगा उसका भी अपराध।”
का पाठ करते हुए बागी बलिया के साथियों और समाजवादियों से कहा कि इसे लेकर तटस्थ रहने वालों को भी इतिहास क्षमा नहीं करेगा।

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