महान स्वतंत्रता सेनानी व आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125वीं जयंती वर्ष समारोह की रूपरेखा तैयार करने के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में गठित कमेटी में इतिहासकारों और बोस के परिवार के सदस्यों के साथ-साथ आजाद हिंद फौज से जुड़े प्रमुख लोगों को भी शामिल किया गया है। गृहमंत्रालय के अनुसार अगले महीने 23 जनवरी को बोस की 125वीं जयंती से समारोहों की शुरुआत होगी जो पूरे साल चलते रहेंगे।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सुभाषचंद्र बोस की 125वीं जयंती वर्ष समारोह के कार्यक्रम कोलकाता और दिल्ली के साथ-साथ देश-विदेश में उन सभी स्थानों पर आयोजित किये जाएंगे, जो बोस और आजाद हिंद फौज से संबंधित होंगे। उन्होंने कहा कि उच्च स्तरीय समिति की जल्द ही बैठक होगी, जिसमें कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया जाएगा।
जाहिर तौर पर यह सरकार की कमेटी है लेकिन समय विशेष है। अगले साल मई में बंगाल में विधानसभा चुनाव है। शाह भाजपा की ओर से अभियान की कमान संभाले हुए हैं। पिछले एक महीने में वह दो बार बंगाल जा चुके हैं। वहीं दूसरी ओर सरकारी स्तर पर कमेटी की अध्यक्षता भी करेंगे। परोक्ष तौर पर कहा जा सकता है कि बंगाल फतह की जिम्मेदारी भाजपा ने शाह को सौंप दी है। ध्यान रहे कि मोदी सरकार ने शुरू से ही सुभाषचंद्र बोस और आजादी के आंदोलन में उनके योगदान को याद करते हुए कई फैसले लिए हैं। जिनमें सुभाषचंद्र बोस से जुड़े गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक करने से लेकर दिल्ली के लालकिले में उनके जीवन पर एक म्यूजियम की स्थापना करना भी शामिल है।
इसके अलावा सरकार ने कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में सुभाषचंद्र बोस के जीवन पर आधारित लाइट एंड साउंड शो का भी फैसला किया है। अंडमान निकोबार में तिरंगा फहराने के 75वें साल के समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन द्वीपों का नाम सुभाष चंद्र बोस व आजाद हिंद फौज के नाम पर करने का एलान किया था।