कोरोना संक्रमण की वजह संकट में यूपी रोडवेज

इस साल रोडवेज के बेड़े में शामिल नहीं हुईं नई बसें

लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (रोडवेज) के बेड़े में इस साल कोरोना संक्रमण के चलते नई बसें शामिल नहीं हो सकी हैं। इसके पहले हर साल रोडवेज के बेड़े में 1,000 से अधिक बसें शामिल होती थीं। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के बसों का बेड़ा कोविड-19 की वजह से इस साल सिकुड़ गया है। हर साल हर साल करीब 1,000 से अधिक बसें शामिल करने वाला रोडवेज प्रबंधन इस बार एक भी नई बस शामिल नहीं कर सका है। कोरोना काल में कमाई पर ब्रेक लगने से रोडवेज को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा है। रोडवेज के बेड़े में शामिल 450 बसें जर्जर हो चुकी हैं। इनकी नीलामी होनी है। फिलहाल रोडवेज के बेड़े में अभी 12,000 से अधिक बसें हैं। परिवहन निगम की जर्जर 450 बसों के नीलामी की प्रक्रिया चल रही है। ये बसें निर्धारित दूरी और तय वर्ष से अधिक चल चुकी हैं। इनकी बॉडी समेत सभी अंग निष्प्रयोज्य हो गए हैं।

परिवहन निगम के मुख्य प्रधान प्रबंधक (प्राविधिक) जयदीप वर्मा ने सोमवार को बताया कि लगातार मुनाफे की ओर अग्रसर रोडवेज इस साल कोरोना के चलते पिछड़ गया है। हर साल करीब 1000 से 1200 तक नई बसों को रोडवेज बसों के बेड़े में शामिल किया जाता था। इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से नई बसें रोडवेज के बेडे़ में शामिल नहीं की जा सकी हैं। इससे रोडवेज का बेड़ा बढ़ने के बजाय सिकुड़ गया है। हालांकि कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी होने पर रोडवेज की आय में सुधार होना शुरू हो गया है। फिलहाल कोरोना की पूर्व की स्थिति में आने में अभी वक्त लगेगा।। रोडवेज के बेड़े में अभी 12,000 से अधिक बसें चल रही हैं।

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