चीनियों ने भारतीय क्षेत्र के बड़े चरागाह की जमीन पर किया कब्जा
नई दिल्ली। चीनी घुसपैठ की एक और कोशिश में दो चीनी वाहन भारतीय सीमा पार करके लेह जिले के न्योमा ब्लॉक के चांगथांग क्षेत्र में घुस आये। इन वाहनों में सवार होकर आये एक दर्जन चीनी सीमा रक्षकों ने चीनी सीमा क्षेत्र के पशुओं को भारतीय क्षेत्र में चरने देने के लिए स्थानीय लोगों पर दबाव डाला। पहले स्थानीय लोगों ने विरोध किया और फिर आईटीबीपी को सूचना दी गई। काफी देर तक चले विवाद के बाद आईटीबीपी के जवान मौके पर पहुंचे और उन्हें वाहनों समेत भारतीय सीमा से दूर खदेड़ा। भारतीय सीमा क्षेत्र में पड़ने वाला डेमचोक के पास का इलाका काफी बड़ा मैदानी क्षेत्र हैं जहां लेह-लद्दाख के निवासी अपने मवेशी चराते हैं। सीमा क्षेत्र होने के नाते कभी-कभी चीनी चरवाहों के मवेशी भी भारतीय क्षेत्र में आ जाते हैं जिन्हें तलाशने के चक्कर में वे भी सीमा पार कर जाते हैं। इसी चक्कर में भारतीय सेना ने 19 अक्टूबर को सुबह लद्दाख के डेमचोक इलाके के पास एक चीनी सैनिक को पकड़ा था जो एक चरवाहे का याक ढूंढने में मदद करते हुए रात को भारतीय सीमा में आ गया था। सेना ने उसे दूसरे दिन चुशूल-मोल्दो मीटिंग प्वॉइंट पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के अधिकारियों को सौंप दिया था। सीमा पर बाड़बंदी न होने से इस तरह की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं और इन्हें स्थानीय स्तर पर निपटा लिया जाता है।
इसी तरह की घटनाओं के बीच चीनी सीमा बलों के दो वाहन आज अवैध रूप से लेह जिले के न्योमा ब्लॉक के चांगथांग क्षेत्र में घुस आये। यह चीनी कर्मी अपने साथ कैम्पिंग के लिए आवश्यक सामग्री ले जा रहे थे। जब स्थानीय लोगों ने भारतीय सीमा में दो चीनी वाहनों को देखा तो वे उनके पास पहुंचे। दोनों वाहनों में तकरीबन एक दर्जन से ज्यादा चीनी सीमा रक्षक सवार थे। स्थानीय लोगों के विरोध करने पर यह लोग उनसे झगड़ा करने पर आमादा हो गए। इनका कहना था कि उन क्षेत्र के पशुओं को भी भारतीय क्षेत्र में चरने दिया जाए लेकिन स्थानीय लोगों ने विरोध किया। झगड़ा करने के लिए आमादा होने पर स्थानीय लोगों ने आईटीबीपी को सूचना दे दी। स्थानीय लोगों का कहना है कि वाहनों में सवार होकर आये लोग आम नागरिक की तरह दिखते थे लेकिन इस बात की आशंका है कि उनमें कुछ चीनी सैनिक भी थे।