स्टॉक्स या म्यूचुअल फंड में बेहतर कौन है, इसके बारे में कहा यही जाता है कि स्पष्ट जवाब नहीं है। लेकिन इसका स्पष्ट जवाब है। वास्तव में समस्या यह है कि इसका कोई ऐसा स्पष्ट जवाब नहीं है, जो हर बचत करने वाले पर लागू होता हो। इसलिए आपको अपने लिए खुद जवाब तय करना होगा।
कुछ लोग अच्छे म्यूचुअल फंड निवेशक हो सकते हैं, कुछ सीधे स्टॉक्स में अच्छी तरह से निवेश कर सकते हैं, कुछ फंड में निवेश करते हुए सफलतापूर्वक स्टॉक्स की ओर शिफ्ट कर सकते हैं। स्टॉक्स में निवेश करने वाले भी टैक्स बचाने के लिए और अपने निवेश के फिक्स्ड इनकम वाले हिस्से के लिए म्यूचुअल फंड का इस्तेमाल कर सकते हैं। हर सूरत में यह एक ऐसा सवाल है, जिसका जवाब सवाल के बारे में उतना नहीं है, जितना आपके बारे में हैं।
एक तरीका यह है कि आप खुद स्टॉक्स चुनें और खरीद-फरोख्त करें। दूसरा तरीका है कि इक्विटी फंड के जरिये निवेश करें। अंतिम लक्ष्य एक ही है, इक्विटी निवेश के जरिए ऊंचा रिटर्न हासिल करना। अगर आप एक्सपर्ट निवेशक नहीं हैं, तो आपके लिए सीधे इक्विटी में निवेश करना सही नहीं होगा। नए निवेशक के लिए रास्ता एकदम साफ है। आपको म्यूचुअल फंड के जरिये निवेश करना चाहिए। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि कोई सीधे इक्विटी निवेश के रास्ते सफल निवेशक नहीं बन सकता है। वैल्यू रिसर्च की प्रीमियम स्टॉक एडवाइजर सíवस ऐसे निवेशकों की मदद भी करती है।
दिक्कत यह है कि खुद से निवेश में सफलता बहुत सी विफलताओं के बाद आती है। हर विफलता पर नुकसान उठाना पड़ता है। इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड इन सब समस्याओं का समाधान बहुत आसानी से कर देता है। म्यूचुअल फंड के जरिये निवेश का सबसे बड़ा फायदा अनुशासित डायवर्सिफिकेशन या विविधीकरण का है। फंड मैनेजर एक संस्थागत फ्रेमवर्क में काम करते हैं। यह फ्रेमवर्क सुनिश्चित करता है कि पोर्टफोलियो विविध हो और बाजार में समय-समय पर आने वाली तेज गिरावट से सुरक्षित रहे।
एक और बड़ा फायदा यह है कि अगर आप सीधे स्टॉक्स खरीद कर पोर्टफोलियो बनाते हैं तो आपको कम से कम कुछ लाख रुपयों की जरूरत होगी। लेकिन म्यूचुअल फंड में आप निवेश कुछ हजार रुपयों से शुरू कर सकते हैं और आपका निवेश भी डायवर्सिफाइड होगा। आप हर माह एक तय राशि का निवेश कर सकते हैं। आप टैक्स सेविंग इक्विटी म्यूचुअल फंड के माध्यम से टैक्स भी बचा सकते हैं।
टैक्स की बचत एक और फायदा है। हर इक्विटी पोर्टफोलियो में कुछ खरीदरी और बिक्री की जरूरत होती है। अगर आप खुद से ट्रेडिंग कर रहे हैं, तो ऐसे लेनदेन पर टैक्स लगेगा। हालांकि, इक्विटी म्यूचुअल फंड में आपको कोई टैक्स नहीं देना होता है। इस तरह से आप टैक्स की बचत करते हैं और बची हुई रकम निवेश के तौर पर रहती है जो आपके मुनाफे को बढ़ाती है। लंबी अवधि के निवेश में यह बचत बहुत बड़ा अंतर पैदा कर सकती है।