देशभर के शहरों में जिस तेजी के साथ पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है इससे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) भी चिंतित है। इससे निपटने के लिए सीपीसीबी ने आम लोगों के साथ ही शोधार्थियों व विज्ञानियों से सुझाव मांगे हैं। नई तकनीक व नवाचार को लेकर भी सुझाव दे सकते हैं। वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सीपीसीबी ने तकनीकी चुनौती दी है। लॉकडाउन के बाद तेजी के साथ वायुमंडल प्रदूषित हो रहा है। इससे निपटने के लिए सीपीसीबी ने निजी व सरकारी संस्थानों, कंपनियों, विभिन्न तकनीकी शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं और तकनीकी विद्यालय के प्राध्यापकों से नवोन्मेषी तकनीक के बारे में जानकारी मांगी है। ऐसे नवोन्मेषी तकनीक जिससे प्रदूषण प्रभावी तरीके से नियंत्रित किया जा सके और लोगों को राहत मिले।
ई-मार्केट पोर्टल में करेंगे शामिल
प्रदूषण को प्रभावी तरीके से नियंत्रित करने वाले सुझाव को बोर्ड द्वारा केंद्र सरकार के ई-मार्केट पोर्टल में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा बोर्ड ने प्रभावी प्रस्तावों को नकद इनाम देने की घोषणा की है।
वायु में प्रदूषण की मात्रा बढ़ने लगी
प्रदेश में वायु प्रदूषण के मामले में बिलासपुर टाप पर है। पार्टिकुलेटर मेटर 2.5 की मात्रा 168-170 तक पहुंच गई है। मतलब साफ है हवा में प्रदूषण की मात्रा 168-170 माइक्रोग्राम प्रति वर्ग मीटर है। सुबह 5:15 बजे दर्ज आंकड़ों पर नजर डालें तो पार्टिकुलेटर मेटर 2.5 की मात्रा 64.25 दर्ज की गई। 15 मिनट बाद यह बढ़कर 68.73 हो गई। जैसे-जैसे दिन चढ़ने लगता है आसमान में पार्टिकुलेटर मेटर की मात्रा भी उसी अनुपात में बढ़ने लगती है।
पर्यावरण पर काम करने वाली संस्थाओं से मांगे सुझाव
रात के समय वायु प्रदूषण का दबाव सबसे कम रिकार्ड किया जा रहा है। रात्रि 10 बजे पार्टिकुलेटर मेटर 2.5 की मात्रा 117.95 माइक्रोग्राम दर्ज की गई। वर्जन देश में तेजी के साथ वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। सीपीसीबी ने इसके प्रभावी नियंत्रण के लिए निजी से लेकर सरकारी संस्थानों के अलावा पर्यावरण पर काम करने वाली संस्थाओं से नवोन्मेषी सुझाव मांगे हैं। डा. सारांश मित्तर कलेक्टर, बिलासपुर