स्थानीय संसाधनों का हो समुचित प्रबंध, वैश्वीकरण से स्थानीय विकास को मिले बढ़ावा : कलराज मिश्र

राज्यपाल ने इंडिया इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस को किया संबोधित

जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने सतत विकास की ऐसी सोच पर कार्य करने पर जोर दिया है जिसमें वैश्वीकरण से स्थानीय विकास को बढ़ावा मिले। उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण का लाभ तभी मिल सकता है जब स्थानीय स्तर पर उपलब्ध संसाधनों के समुचित प्रबंधन के साथ उससे जुड़ी जोखिमों के उचित प्रबंधन पर भी ध्यान दिया जाए। श्री मिश्र आज यहां सुखाड़िया यूनिवर्सिटी द्वारा वैश्वीकरण से स्थानीय विकास विषयक इंडिया इंटरनेशनल वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में संबोधित कर रहे थे। इसमें विश्व के ख्यातनाम भूगोलविदों, शिक्षाविदों, भूमंडलीकरण पर कार्य कर रहे विषय विशेषज्ञ सम्मलित हुए। राज्यपाल ने भारतीय संस्कृति की ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की सोच के साथ कार्य करने का आह्वान करते हुए कहा कि वैश्वीकरण के अंतर्गत केवल भौतिक प्रगति और विकास ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि मानव कल्याण सर्वोपरी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वही विकास टिकाऊ और कारगर होता है, जिसमें मनुष्य जीवन सुखी और मन से समृद्ध हो।

उन्होंने कहा कि वैश्विक विकास के बहाने पृथ्वी की पारिस्थतिकी न बिगड़े, कोई राष्ट्र व्यक्ति की अस्मिता, मानव सम्पदा का नुकसान न करे। इस पर सभी स्तरों पर विचार करते हुए विश्व स्तर पर कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने वैश्वीकरण से स्थानीय सतत विकास में सामाजिक, आर्थिक के साथ पर्यावरणीय पहलुओं का मानव हित में समन्वय करते हुए कार्य करने का भी आह्वान किया। श्री मिश्र ने टिकाऊ विकास के लिए आर्थिक विकास वृद्धि पर ही नहीं बल्कि समानता के साथ ऐसे कार्यों पर अधिक ध्यान देने पर जोर दिया जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ सभी की बेहतरी के लिए पहल हो सके। उन्होंने कोरोना महामारी की चर्चा करते हुए कहा कि यह ऐसा समय है जब विश्व स्तर पर एकमत होकर धरती और उस पर रहने वालों के संरक्षण को ध्यान में रखते अधिक से अधिक कार्य होने चाहिए।

इस अवसर पर राज्यपाल ने इंडिया इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस स्मारिका का लोकार्पण किया। उन्होंने आरम्भ में संविधान उद्देशिका और मूल कर्तव्यों का सभी को वाचन करवाया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अमरीका सिंह ने कॉन्फ्रेंस से जुड़े मुद्दों पर प्रकाश डालते वैश्विक से स्थानीय विकास के लिए सभी स्तरों पर कार्य करने पर जोर दिया। इण्डिया इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और केप टाउन, साउथ अफ्रीका यूनिवर्सिटी के प्रो. माइकल मीडोज ने वैश्वीकरण के खतरों का उल्लेख करते हुए सन्तुलित विकास के लिए कार्य करने पर जोर दिया। यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली के प्रो. आर.बी. सिंह, कॉन्फ्रेंस की समन्वयक प्रो. साधना कोठारी, डॉ. भंवर विश्वेन्द्र राज सिंह ने कॉन्फ्रेंस के जरिये वैश्विक से स्थानीय विकास से सम्बंधित कार्यों और भविष्य की योजनाओं पर विचार रखे।

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