कहा, किसानों के हिमायती हैं तो न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी रूप देकर आंदोलन में शहीद किसानों को घोषित करें शहीद
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि खेती बारी और किसानी को कारपोरेट के हाथ में सौंपने वाले कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष नहीं, सत्ता पक्ष देश को गुमराह कर रहा है। इस मामले में भारत सरकार और भाजपा नेतृत्व वाली राज्य सरकारें अम्बानी और अडानी समूह के वर्कर के रूप में काम कर रही हैं, खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके वर्कर की भाषा बोल रहे हैं। शुक्रवार को अपने आवास पर मिलने आए समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं से नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि कृषि सम्बन्धी यह तीनों कानून लागू हो गए तो खेती बारी और किसानी अडानी अम्बानी समूह और उनके गिरोह के कारपोरेट के हाथ में होगी। इससे बचने के लिए किसान आंदोलन कर रहा है। इस आंदोलन में अब तक बीस किसान शहीद हो चुके हैं। इसे लेकर व्यथित एक संत अपनी जान दे चुके हैं। इसके बाद भी सरकार संवेदनहीन बनी हुई है। प्रधानमंत्री माननीय मोदी और मुख्यमंत्री योगी ने अभी तक इन शहीद परिवारों के आंसू पोछने की कोशिश भी नहीं की। उन्होंने कहा कि दुनियां में कोई अमर नहीं है। जो आया है, उसे आज नहीं तो कल जाना पड़ेगा। यह दौलत जिसके लिए अडानी अम्बानी समूह और उनकी सरकारों के द्वारा यह मौत का खेल खेला जा रहा है, यहीं रह जाएगी। इस सच को अम्बानी, अडानी समूह और उनके वर्कर के रूप में काम सरकारों को भी समझना चाहिए और माननीय मोदी और माननीय योगी को भी।
नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी यदि अम्बानी अडानी समूह की जगह किसानों के प्रति वफ़ादार हैं तो खेती बारी और किसानी को निगलने वाले इन कृषि कानूनों को अविलंब वापस लें, न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून का रूप दें और आंदोलन में शहीद हुए किसानों को शहीद घोषित करें। उन्होंने कहा कि ऐसा करने की जगह प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी कारपोरेट बनाम किसान की इस लड़ाई को पक्ष विपक्ष में उलझाने की कोशिश कर रहे हैं और उनके लोग आंदोलनरत किसानों के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहें हैं, उन्हें बांटने का प्रयास कर रहें है। नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि कारपोरेट बनाम किसान की इस लड़ाई में समाजवादी पार्टी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में किसानों के साथ है। समाजवादी सरकार के उत्पीड़न और दर्ज किए जा रहे फर्जी मुकदमों से डरने वाले नहीं हैं। खेती बारी और किसानी को कारपोरेट के हाथों से बचाने के लिए हमलोग बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में जो जहां है, वहीं खेती बारी और किसानी की रक्षा के लिए प्रार्थना करें, दुआ करें।