लखनऊ। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. डी एस नेगी ने उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन द्वारा पांच लाख पीपीई किट के टेंडर मामले में एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर द्वारा दी गयी शिकायत की जांच के लिए शासन को पत्र भेजा है। डॉ. नूतन ने अपनी शिकायत में कहा था कि यह टेंडर उस फर्म को दिया था, जिसके द्वारा दिया गया बिड दूसरे न्यूनतम बिड से मात्र 20 पैसे कम था। कारपोरेशन ने 21 अप्रैल 2020 को टेंडर विज्ञापित किया, जिसमें 27 अप्रैल को अन्तिम तिथि निर्धारित की गयी। कारपोरेशन ने टेंडर प्रक्रिया में तीन संशोधन करते हुए अन्तिम तिथि 30 अप्रैल कर दी। इसके बाद 01 मई 2020 को 40 फर्म द्वारा अपने बिड भेजे गए पाए गए, जिसमें मात्र तीन फर्म के बिड सही पाए गए। कारपोरेशन ने फर्म को बिड को सुधारने के लिए समय दिया और उसके द्वारा अंत में मेसर्स स्टेरीमेड मेडिकल डिवाइस प्राइवेट ली को टेंडर दिया गया, जिनके द्वारा 884.80 रुपये तथा 12 प्रतिशत टैक्स अर्थात 990.98 रुपये प्रति इकाई बिड दिया गया। यह बिड दूसरे स्थान के मेसर्स श्रीनिधि इम्पेक्स द्वारा 885 रुपये तथा 12 प्रतिशत टैक्स अर्थात 991.20 रुपये प्रति इकाई से मात्र 20 पैसे कम था। डॉ. नूतन ने मात्र 20 पैसे के अंतर से कारपोरेशन द्वारा अंदरूनी सूचना देकर गलत ढंग से टेंडर देने की सम्भावना बताते हुए जांच की मांग की थी।