अंतरराष्ट्रीय स्तर का इको पर्यटन स्थल बनाने में जुटी योगी सरकार
लखनऊ। योगी सरकार ने कतर्नियाघाट वन्य जीव विहार में इको पर्यटन के रूप में विकसित करने की कवायद तेज कर दी है। इसी कड़ी में मंगलवार को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, निवेश एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह एवं वन एवं पर्यावरण मंत्री दारासिंह चौहान ने अहम चर्चा की। इसमें कतर्नियाघाट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का इको पर्यटन स्थल बनाने की सम्भावनाओं पर विचार विमर्श हुआ। इस मौके पर सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि जिम कार्बेट नेशनल पार्क की तर्ज पर कतर्नियाघाट वन्य जीव विहार को विकसित किया जायेगा। पीपीपी मॉडल पर इसे विकसित कर पर्यटन को बढ़ावा देने की दृष्टि से विश्व स्तरीय सुविधाएं पयर्टकों को उपलब्ध कराई जायेंगी। उन्होंने कहा कि कतर्नियाघाट को टूरिज्म स्पॉट बनाने के लिए वन क्षेत्र के बाहर होटल, पार्क, रोड कनेक्टिविटी पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पलिया एयरपोर्ट को भी अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के रूप में विकसित किया जायेगा। आने वाले समय में कतर्नियाघाट निवेश के लिए बेस्ट इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन साबित होगा।
कतर्नियाघाट को दुधवा नेशनल पार्क से जोड़ने की बनाई जाएगी कार्ययोजना
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने निर्देश दिए कि इस परियोजना के क्रियान्वयन के लिए शीघ्र कन्सलटेंट नियुक्त किया जाए और पूरे प्रोजेक्ट का सर्वे कराकर दो सप्ताह के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। कतर्नियाघाट के बफर क्षेत्र में किये जा सकने वाले इको पर्यटन कार्यों की एक विस्तृत डीपीआर तैयार कराई जाए। उन्होंने कहा कि कतर्नियाघाट को दुधवा नेशनल पार्क से जोड़ने की कार्ययोजना बनाई जाए। उन्होंने कहा कि बफर क्षेत्र में इको पर्यटन सम्बन्धी अवसंरचनात्मक कार्य वन संरक्षण अधिनियम के प्राविधानों के अन्तर्गत कराये जायेंगे। दारा सिंह चौहान ने कहा कि इको टूरिज्म संबंधी इन्वेस्टर समिट कराये जाने की योजना तैयार कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रोजेक्ट का डिजिटल मैप तैयार कराया जायेगा। कतर्निया में रिवर फ्रंट को और अधिक आकर्षक बनाया जाएगा। इसके साथ ही इसकी ब्राइंडिंग और मार्केटिंग पर भी विशेष फोकस रहेगा। उन्होंने कहा कि कतर्नियाघाट में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने के लिए वाचिंग कैम्प, नेचर वाक, जागरूकता कार्यक्रम, साइकिलिंग आदि का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने उप्र वन निगम को इको टूरिज्म कार्यों के लिए नोडल एजेंसी नामित किया गया है।