अखिलेश ने कार्यकताओं को दी हिदायत, शांतिपूर्ण प्रदर्शन करें
लखनऊ। कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आन्दोलन को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर बना हुआ है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को शायराना अंदाज में ट्वीट करके भाजपा पर तंज कसा है। वहीं किसानों के समर्थन में पार्टी 14 दिसम्बर को प्रदेशव्यापी प्रदर्शन करेगी। ये प्रदर्शन सभी जिला मुख्यालयों में होंगे। अखिलेश यादव ने कार्यकर्ताओं की हिदायत दी है कि वह शांतिपूर्ण प्रदर्शन करें। अखिलेश यादव ने कहा कि अमीरों के चारण बनकर, जो बैठे हैं दरबारों में। झूठ फैलाने निकले वो गांव, गली, चौपालों में।। अखिलेश लगातार भाजपा पर निशाना साध रहे हैं। इससे पहले उन्होंने कहा कि नोटबंदी, जीएसटी, कृषि कानूनों से लोग बेहाल हैं पर सरकार अपनी हठधर्मी और अहंकार में चूर कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है। रोज-रोज वह विकास और काम का नाटक करती है, जबकि सच्चाई यह है कि भाजपा काम के अलावा सब कुछ कर सकती है। भाजपा सरकार की साजिशों से सावधान रहना होगा।
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आईपी सिंह ने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में आज किसान आन्दोलित हैं। सड़कों पर ठिठुर रहे हैं। इसके बावजूद दमनकारी सरकार झुकने को तैयार नहीं है। वहीं समाजवादी पार्टी ने जब किसानों के समर्थन में आन्दोलन किया तो पार्टी नेताओं को गिरफ्तार किया गया। लाठियां बरसायी गई। उन्होंने कहा कि महामारी अधिनियम को लेकर योगी सरकार दमनकारी नीति अपनाए हुए है। उन्होंने कहा कि जब भी विपक्ष के लोग, समाजवादी पार्टी शारीरिक दूरी और मास पहनने के साथ आन्दोलन करती है तो नेताओं, कार्यकर्ताओं को धारा 144 के तहत गिरफ्तार कर लिया जाता है। वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसी कोरोना संक्रमण काल में बिहार में रैलियां कर चुके हैं। इसी तरह केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हैदराबाद में रैलियां की। यहां तक कि पश्चिम बंगाल में भी उन्होंने जनसभा की, तब कोरोना नहीं फैलता। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी किसानों के साथ है।अन्नदाताओं की लड़ाई आगे बढ़ाते हुए कल समाजवादी पार्टी प्रदेशव्यापी धरना प्रदर्शन करेगी। सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किए जाएंगे। कोरोना के नाम पर हमारी आवाज सरकार कब तक दबायेगी। पार्टी अध्यक्ष के निर्देशों के मुताबिक कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए प्रदेश व्यापी प्रदर्शन किया जाएगा। जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं होते, हम किसानों की लड़ाई लड़ते रहेंगे।