कोरोना वायरस संक्रमण पर काबू पाने के लिए पूरी दुनिया वैक्सीन पर निर्भर है और तेजी से इस पर काम भी हो रहा है। इस बीच दक्षिण अफ्रीका के मुख्य न्यायाधीश ने कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिसने सबको चौंका है। चीफ जस्टिस मोगोइंग मोगोइंग ने टीके को ले कर एक विवादास्पद बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि विश्व भर में जिस टीके से उत्साह का संचार हो रहा है वह ‘शैतान के पास से आया है।’ इस बयान के लिए उनकी काफी आलोचना हो रही है।
किसी देश के चीफ जस्टिस द्वारा इस तरह का बयान देना बेहद चौंकाने वाला है। इस घटना से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में न्यायाधीश मोगोइंग एक गिरजाघर में प्रार्थना करते नजर आ रहे हैं और इस दौरान वह दावा करते हैं कि टीका लोगों के डीएनए को ‘खराब’ कर देगा। उन्होंने अपनी प्रार्थना में कहा, ‘जो आपकी (ईश्वर) तरफ से नहीं है, ऐसे किसी भी टीके से मैं खुद को दूर करता हूं। अगर कोई टीका है तो वह शैतान की तरफ से है, जिसका मकसद लोगों के जीवन में ‘ट्रिपल सिक्स’ (शैतान का चिह्न) लाना है और यह उनके डीएनए को खराब करेगा….. ऐसा कोई भी टीका, हे ईश्वर, उसे यीशु मसीह के नाम पर अग्नि नष्ट कर दे।’
मोगोइंग की इन बातों से वैज्ञानिकों और अन्य लोगों में गुस्सा है और उनका कहना है कि मोगोइंग जैसे प्रभावशाली व्यक्ति की तरफ से इस प्रकार की बातें टीके का इंतजार कर रहे लोगों को भ्रमित कर सकती हैं। विट्स विश्वविद्यालय में वायरोलॉजी के प्रोफेसर बैरी शउब ने कहा, ‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनके कद का कोई व्यक्ति लोगों को गुमराह कर रहा है, क्योंकि इस महामारी को नियंत्रित करने के लिए टीका एक अहम हिस्सा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतना प्रभावशाली व्यक्ति इसे नियंत्रित करने के प्रयासों का विरोध कर रहा है।’
मानवाधिकार संगठन ‘अफ्रीका4पैलस्टीन’ ने भी मोगोइंग के इस बयान की निंदा की है। वहीं, न्यायाधीश ने टीके पर उनकी टिप्पणी को ले हो रही आलोचनाओं को खारिज किया और शुक्रवार सुबह एक टेलीविजन कार्यक्रम में कहा कि उन्हें अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि यह आजाद मुल्क है। मुझे चुप नहीं कराया जा सकता। मुझे परिणामों की चिंता नहीं है।