लखनऊ : किसान आन्दोलन को लेकर सियासत जारी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार ‘लल्लू’ ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा चुनिन्दा उद्योगपतियों के दबाव में किसान विरोधी कानून को वापस लेने के बजाय पूरे देश में किसान विरोधी अभियान चलाने जा रही है, जो सर्वथा अनुचित है। उत्तर प्रदेश के साथ ही पूरे देश में पत्रकार वार्ता और चौपाल का आयोजन कर किसानों के विरुद्ध दुष्प्रचार की योजना नैतिकता के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार चौपालों के जरिए जनता को गुमराह करना चाहती है। लेकिन, प्रदेश की जनता सब-कुछ समझ रही है कि कैसे चंद बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए कांट्रेक्ट फार्मिंग के लिए कानून लाया गया है। भंडारण की असीमित छूट से आवश्यक वस्तुओं की काला बाजारी बढ़ेगी और उनके मूल्यों के निर्धारण का अधिकार अलिखित रूप से उद्योगपतियों के हाथ में चला जायेगा।
इससे गेहूं, चावल, दलहन-तिलहन आदि फसलों का मूल्य असीमित रूप से बढ़ेगा, जिससे देश की गरीब और आम जनता की थाली खाली होती जायेगी। सरकार शान्ता कुमार कमेटी की रिपोर्ट लागू करने का षड्यंत्र कर रही है, जिससे एफसीआई के माध्यम से न्यून्तम समर्थन मूल्य पर खरीद ही न करनी पड़े। साथ ही साथ अध्यादेश के माध्यम से किसान को ठेका प्रथा में फंसाकर उसे अपनी ही जमीन में मजदूर बनाने का कुचक्र रच रही है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में आन्दोलनरत किसान भीषण ठंडी में अपनी जान गंवा रहे हैं और सरकार उनकी मांगों को मानने के बजाय उनके आन्दोलन को बदनाम करने व कुचलने का खेल खेल रही है जो चुनी हुई सरकार के लिए अनैतिक है। सरकार को चाहिए कि किसानों के हित में उनकी मांगों को स्वीकार कर आन्दोलन को समाप्त कराना चाहिए न कि प्रेस वार्ता और चौपाल के माध्यम से देश की जनता को गुमराह करने का खेल खेलना चाहिए।