सीमेंट कारोबारियों के घर इनकम टैक्स का छापा, 30 करोड़ की आयकर चोरी पकड़ी गयी

रामनगर स्थित सीमेंट के कारखाने पर सुबह तक चली सघन छानबीन
चंदौली के पीडीडीयू नगर स्थित आवास पर देर शाम तक होती रही पूछताछ

वाराणसी। सीमेंट बनाने के लिए क्लींकर व जिप्सम की खरीद ही नहीं निर्मित सीमेंट की बिक्री में बड़े पैमाने पर की गयी हेराफेरी की शिकायत पर आयकर विभाग की टीम ने सीमेंट के प्रमुख कारोबारियों के चंदौली जिले के पं. दीनदयाल उपाध्याय (पीडीडीयू) नगर स्थित आवास और रामनगर स्थित सीमेंट फैक्ट्री में लगातार दूसरे दिन गुरुवार को भी जांच जारी रखी। प्रारंभिक जांच में 25 से 30 करोड़ की आयकर चोरी का मामला प्रकाश में आया है। जांच में जीएसटी की चोरी भी सामने आने पर संबंधित विभाग के अफसरों को सूचित कर दिया गया है। इसके अलावा सीमेंट के गुणवत्ता की जांच के लिए भी संबंधित विभाग को लिखा जाएगा। आयकर की छापेमारी से सीमेंट कारोबारियों के यहां हड़कम्प मचा हुआ है। सभी एक-दूसरे से मोबाइल पर सम्पर्क कर जांच प्रक्रिया की जानकारी लेते रहे।

आयकर विभाग के सूत्रों की मानें तो आयकर चोरी, सीमेंट बनाने में उपयोग किये जाने वाले क्लींकर व जिप्सम की खरीद में हेराफेरी की शिकायत पर मध्य प्रदेश के जबलपुर की आयकर विभाग की टीम ने ज्वाइंट डायरेक्टर आशीष कुमार डेहरिया के निर्देश पर सीमेंट निर्माता व विके्रता के चंदौली स्थित पीडीडीयू नगर स्थित आवास और रामनगर स्थित सीमेंट फैक्ट्री पर बुधवार को एक साथ छापेमारी की। पीपीडीयू नगर में सीमेंट निर्माता का होटल भी है। आवास पर जहां गुरुवार की देर शाम तक छानबीन चलती रही, लेकिन फैक्ट्री में सुबह करीब छह बजे जांच पूरी अफसर निकल गये। जांच के दौरान पिछले छह साल का रिटर्न तक खंगाला गया और पाया गया कि उत्पादन, बिक्री के मुकाबले रिटर्न कम दर्शाया जाता रहा और बड़े पैमाने पर आयकर की चोरी की जाती रही।

सूत्रों की मानें तो अभी तक के जांच में पाया गया कि सीमेंट निर्माता व विके्रता आठ से 10 सीमेंट कंपनियों के बोरों का इस्तेमाल करता है। फैक्ट्री से रोजाना करीब 6400 बोरी सीमेंट का उत्पादन होता है। सीमेंट निर्माता व विके्रता अपने ब्रांड के अलावा नामी-गिरामी कंपनियों के बोरों में स्वत: उत्पादित सीमेंट का कारोबार करता है। कागज पर वह 210 रुपये प्रति बोरी सीमेंट का एमआरपी दर्शाता है, जबकि वास्तविकता में इससे दोगुने दाम पर बिक्री करता है। नकली सीमेंट बनाने के मामले में भी जांच हो चुकी है। सीमेंट निर्माण के लिए वह भूटान से जिप्सम और मध्य प्रदेश के सतना जिले से बड़े पैमाने पर क्लींकर मंगाता है।

विभागीय सूत्रों की मानें तो जांच के दौरान खरीद-बिक्री के अभिलेख, कम्प्यूटर हार्डडिस्क, लैपटॉप, डायरी, विभिन्न बैंकों के पासबुक, एफडी, जमीन संबंधित दस्तावेज आदि को अफसरों में कब्जे में ले लिया है। अफसरों का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद में वास्तविक आयकर चोरी का मामला प्रकाश में आ सकता है। जांच के दौरान यह बात भी प्रकाश में आयी कि सीमेंट कारोबारी पिछले तीन साल से जीएसटी की चोरी भी कर रहा है। इसकी जांच के लिए जीएसटी विभाग को लिखा जाएगा। जबकि सीमेंट की गुणवत्ता की जांच के लिए संबंधित विभाग को सूचित किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि सतना स्थित जिस फर्म से वह क्लींकर मंगाता था, वहां भी जांच चल रही है।

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