नए कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच चल रही तनातनी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। किसानों की मांग है कि सरकार इन तीनों कानून को वापस ले। सरकार कानून वापस लेने की बजाए सिर्फ संशोधन का प्रस्ताव दे रही है। इसी बीच किसान संगठनों ने इसे लेकर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से किसान आंदोलन को लेकर गुरुवार को की गई मंत्रियों की प्रेस कॉन्फ्रेंस सुनने की अपील की है।
भारतीय किसान यूनियन ने कृषि कानूनों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है। याचिका में तीनों कृषि कानूनों को चुनौती दी गई है। इससे पहले गुरुवार को किसान संगठनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ किया कि वो कानून वापस होने तक आंदोलन खत्म नहीं करेंगे और अपनी लड़ाई तेज करेंगे। वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से अपना आंदोलन खत्म करने और संशोधन प्रस्ताव पर बात करने की मांग की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा हाल ही में किसान आंदोलन के मामले में की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस का जिक्र किया और लोगों से उन्हें सुनने की अपील की। प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, ‘मंत्रिमंडल के मेरे दो सहयोगी नरेंद्र सिंह तोमर जी और पीयूष गोयल जी ने नए कृषि कानूनों और किसानों की मांगों को लेकर विस्तार से बात की है। इसे जरूर सुनें।’
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान लगभग दो सप्ताह से दिल्ली की सीमाओं- सिंघु, टिकरी, गाजीपुर और चिल्ला (दिल्ली-नोएडा) पर डटे हुए हैं। सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच वार्ता का अब तक कोई नतीजा नहीं निकला है।