मथुरा। मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर स्थानीय अदालत में गुरुवार होने वाली सुनवाई जिला जज के अवकाश पर होने के कारण टल गयी। अब अगली सुनवाई सात जनवरी को की जाएगी। याचिका में मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि के बाद बने ईदगाह को हटाने की मांग की गई है। वहीं जिला न्यायालय में गुरुवार को पांच नए पिटीशन फाइल किए गए। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में अब कुल नौ पक्षकार हो गए हैं। विदित रहे कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है। 11 एकड़ में श्रीकृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन और रंजना अग्निहोत्री सहित पांच अधिवक्ताओं ने 25 सितंबर को श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मालिकाना हक परिसर को मस्जिद मुक्त बनाने की मांग को लेकर कोर्ट में याचिका डाली थी। श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान, शाही ईदगाह कमेटी, सुन्नी वक्फ बोर्ड और श्रीकृष्ण सेवा ट्रस्ट को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया है। प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ताओं ने जिला न्यायालय में अपना-अपना वकालतनामा दाखिल किया है।
श्रीकृष्ण जन्म स्थान के पूर्ण स्वामित्व के मामले की मथुरा न्यायालय में सुनवाई गुरुवार को फिर टल गई है। न्यायालय ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए सात जनवरी की तारिख निर्धारित की है। सुनवाई टलने का कारण मथुरा न्यायालय की जिला जज साधना रानी ठाकुर के अवकाश पर होना बताया जा रहा है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक और परिसर को मस्जिद मुक्त बनाने की मांग को लेकर कृष्ण भक्त अजय गोयल, वीरेंद्र अग्रवाल, डॉक्टर केशवाचार्य, विजेंद्र पोइया और योगेश उपाध्याय आभा ने कोर्ट में गुरूवार पक्षकार बनाने की मांग को लेकर प्रार्थना पत्र दिया है, जबकि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में पहले ही चार पक्षकार अखिल भारतीय हिंदू महासभा, तीर्थ पुरोहित महासभा, चतुर्वेद परिषद और रंजना अग्निहोत्री अपना प्रार्थना पत्र दे चुके हैं। जन्मभूमि मामले में कुल 9 पक्षकार 7 जनवरी को उपस्थित रहेंगे।