भारतीय टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज पार्थिव पटेल ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास का ऐलान कर दिया है। 35 वर्षीय इस क्रिकेटर ने सभी तरह की क्रिकेट को छोड़ने का फैसला किया है। हालांकि, अब वे कमेंट्री, कोचिंग और अन्य चीजों के साथ जुड़े रह सकते हैं। इसके अलावा अगर उनको किसी विदेशी लीग में खेलना होगा तो वे खेलने के पात्र हो जाएंगे, क्योंकि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआइ उन खिलाड़ियों को किसी भी विदेशी लीग में खेलने के लिए अनुमति नहीं देती है जो कि किसी भी तरह से भारतीय क्रिकेट का हिस्सा हों।
बाएं हाथ के बल्लेबाज पार्थिव पटेल ने 17 साल की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट खेली थी। कुछ समय तक वे भारतीय टीम का हिस्सा रहे, लेकिन फिर महेंद्र सिंह धौनी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आए तो टीम से उनका पत्ता कट गया। बाद में वे विकेटकीपर बल्लेबाज के दूसरे विकल्प के तौर पर देखे जाने लगे। हालांकि, बीच-बीच में उनको कुछ मौके मिले, लेकिन वे भुना नहीं पाए। यहां तक कि इस साल आइपीएल में भी उनको एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला, जबकि पिछले साल वे रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर यानी आरसीबी के उपकप्तान थे और सभी मैच उन्होंने खेले। इस बार वे आरसीबी की बेंच स्ट्रेंथ का हिस्सा ही रहे।
17 साल की उम्र में साल 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू करने वाले पार्थिव पटेल ने देश के लिए कुल 25 टेस्ट मैच खेले हैं। वहीं, 38 वनडे इंटरनेशनल मैचों के अलावा उन्होंने दो टी20 इंटरनेशनल मैच भी भारतीय टीम के लिए खेले हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक भी शतक पार्थिव पटेल के नाम नहीं है। हालांकि, टेस्ट क्रिकेट में 6 अर्धशतक के साथ 934 रन और वनडे क्रिकेट में 4 अर्धशतकों के साथ 736 रन उन्होंने जड़े हैं। 139 आइपीएल मैचों में उन्होंने 13 अर्धशतकों के साथ 2848 रन बनाए हैं।