बाराबंकी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टेलीमेडिसिन के माध्यम से जनपद में अप्रैल से नवंबर तक 2363 मरीजों का सफल इलाज किया गया। इसमें हृदय रोगी मानसिक रूप से विक्षिप्त रोगी एवं कैसर से पीड़ित रोगी भी शामिल है। नि:शुल्क इलाज की यह नवीनतम तकनीक जनपद के कोविड मरीजों के लिए कोविड के दौर में भी कारगर साबित हुई है। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा सतीश चंद्रा का कहना है कि टेलीमेडिसिन के तहत अच्छे निजी संस्थानों से करार किया गया है। जहां के विशेषज्ञ चिकित्सक वीडियो काफ्रेंसिग के माध्यम से मरीजों का निदान कर रहे हैं। जनपद में वीडियो काफ्रेंसिग के माध्यम से 2363 लोगों का उपचार सम्भव हो सका। जिनमें सभी मरीज स्वस्थ्य होकर अपनी जिंदगी जी रहे है।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अम्बरीश द्विवेदी ने बताया कि जनपद जिला अस्पताल सहित कुल 20 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टेलीमेडिसिन की सुविधा मिल रही है। सभी संबंधित राजकीय अस्पताल आंध्र प्रदेश के हैदराबाद स्थित अपोलो हास्पिटल से सीधे जुड़ गए हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कछवां में सबसे पहले 22 फरवरी 2019 से ही टेलीमेडिसिन की सुविधा शुरू हुई है। इससे मरीजों को बेहतर उपचार दिया जा रहा है। डीसीपीएम सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि कोविड 19 में लॉकडाउन के दौरान टेलीमेडसिन सेवा लोगों के बहुत ही सुविधाजनक रहा। इसके माध्यम से मरीजो को घर बैठ नि:शुल्क इलाज मिलना सम्भव हो सका। ई संजीवनी ओपीडी रिपोर्ट के मुताबिक टेलीमेडिसिन इलाज में जनपद के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों की आपेक्षा तीन सीएचसी का नाम आगे है। जिसमें महज 20 सित्म्बर से 20 नवम्बर तक महज दो माह में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र देवा 235, जाटा बरौली 157 रामसनेही घाट 177 समेंत कुल 569 लोगों का इलाज किया गया।
इन बीमारियों का इलाज है संभव
टेलीमेडिसिन के माध्यम से सामान्य बीमारियों के अलावा हदय रोग, न्यूरो बाल रोग, महिला रोग, हड्डी रोग, त्वचा संबंधी बीमारियों का इलाज संभव है। इस तकनीक से दूर बैठे लोग फिजियोथेरेपी का भी लाभ उठा सकते हैं। जिला समन्वयक अरूण ने बताया कि टेलीमेडिसिन के माध्यम से हर जरूरतमंद को ठीक करने का अभियान चलाया जाता रहा है।
क्या है टेलीमेडिसिन
यह उतना ही प्रभावी है जितना एक टेलीफोन के ज़रिये चिकित्सा संबंधी किसी समस्या पर रोगी और स्वास्थ्य विशेषज्ञ आपस में बात करते हैं। टेलीमेडिसिन ई.संजीवनी एप के माध्यम से ओपीडी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जनपद स्तरीय चिकित्सालय, सामुदायिक केंद्र व शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात ऐसे चिकित्सकों को नामित किया गया है, जो समय प्रदान कर सके तथा उनके पास कंप्यूटर की सुविधा हो। मरीज व तीमारदार स्मार्टफोन से इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। जिन लोगों के पास स्मार्टफोन नहीं है, उनके लिए उपकेंद्र स्तरीय हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर पर कार्यरत कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर व एएनएम के द्वारा टेबलेट का उपयोग कर ई.संजीवनी की सुविधा प्रदान की जाएगी।