संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संस्करण ने फूड प्राइस इंडेक्स जारी किया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर में एफएक्यू फूड प्राइस इंडेक्स 105 था। इसमें अक्टूबर, 2020 की तुलना में 4 प्वाइंट यानी करीब 3.9 फीसद का उछाल आया है। वहीं पिछले साल नवंबर से तुलना करें तो इसमें 6.4 प्वाइंट यानी 6.5 फीसद का इजाफा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर में आया यह उछाल मासिक दर (हर महीने होने वाली बढ़ोत्तरी) के लिहाज से जुलाई 2012 के बाद की सबसे बड़ी वृद्धि थी (आठ साल की सबसे बड़ी वृद्धि)। वहीं दिसंबर 2014 के बाद एफएक्यू फूड प्राइस इंडेक्स अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। यानी पिछले 6 साल की यह सबसे ऊंचा पायदान है।
वेजिटेबल ऑयल में सबसे ज्यादा वृद्धि
एफएक्यू फूड प्राइस इंडेक्स की सभी श्रेणियों में वृद्धि दर्ज की गई है। इसमें वेजिटेबल ऑयल में सबसे ज्यादा वृद्धि रिकार्ड की गई है। इसके बाद शुगर, अनाज, डेयरी और मीट के दामों में इजाफा हुआ है।
क्या है एफएक्यू फूड प्राइस इंडेक्स (FFP1)
यह खाद्य वस्तुओं के अंतरराष्ट्रीय मूल्यों में मासिक परिवर्तन का एक मानक है। इसमें औसत निर्यात द्वारा भारित पांच कमोडिटी ग्रुप मूल्य सूचकांकों का औसत होता है।
पांच महीने से अनाज के दाम में लगातार बढ़ोतरी
सीरल प्राइस इंडेक्स नवंबर में 114.4 दर्ज किया गया, जो अक्टूबर से 2.7 प्वाइंट यानी करीब 2.5 फीसद ज्यादा रहा। वहीं पिछले साल नवंबर से यह 19 प्वाइंट ज्यादा था। पांच महीने से लगातार अनाज के दामों में इजाफा जारी है। दामों में इस उछाल का कारण निर्यात में कमी को बताया जा रहा है। वहीं कई देशों में फसल का उत्पादन भी कम हुआ है।
कितनी रही वेजिटेबल ऑयल की कीमत
वेजिटेबल ऑयल प्राइस इंडेक्स 121.9 दर्ज किया गया है। इसमें अक्टूबर से 14.5 फीसद का इजाफा हुआ है। यह मार्च 2014 के बाद सबसे उच्चतम स्तर पर है। पिछले 6 माह से इसमें वृद्धि हो रही है।
बाकी खाद्य पदार्थों का मूल्य
डेयरी प्राइस इंडेक्स नवंबर में 105.3 रहा। इसमें 0.9 फीसद की वृद्धि एक महीने में हुई और यह अपने 18 माह के उच्चतम स्तर पर है। सबसे ज्यादा बढ़ोतरी मक्खन और पनीर के दाम में हुई है। इनकी वैश्विक आयात की काफी मांग बढ़ी है। वहीं मीट प्राइस का इंडेक्स 91.9 रहा। इसमें अक्टूबर की तुलना में 0.9 फीसद का उछाल आया है। यह उछाल मीट के दाम में इस साल जनवरी के बाद पहली बार हुआ है।
चीनी पर नजर डालें तो इसका प्राइस इंडेक्स 87.5 दर्ज किया गया। इसमें 3.3 फीसद का उछाल आया है अक्टूबर से। वहीं शुगर के दामों में लगातार दूसरे महीने बढ़ोतरी हुई है।