कोरोना वायरस के बदलते लक्षणों से रहें सावधान : डॉ.सूर्यकांत
पैरों में सूजन व आँखों में जलन-खुजलाहट हो तो हल्के में न लें
लखनऊ। कोविड-19 अब अपने प्रारंभिक लक्षणों जैसे- सर्दी-खांसी, जुकाम-बुखार व सांस लेने में तकलीफ के अलावा कई अन्य लक्षणों के साथ सामने आ रहा है। ऐसे में इस दौरान किसी भी तरह का जोखिम उठाये बगैर इन लक्षणों के अलावा पेट सम्बन्धी (गैस्ट्रो) या आँख सम्बन्धी समस्या नजर आती है तो भी कोरोना की जांच कराने की जरूरत महसूस की जा रही है। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष व कोरोना टास्क फ़ोर्स के सदस्य डॉ. सूर्यकांत का कहना है कि इस समय डायरिया, पेट दर्द, भ्रम की स्थिति, पैरों में अचानक सूजन व आँखों में जलन आदि की समस्या को लेकर अस्पतालों में पहुँच रहे बहुत से लोगों की कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद अधिक सावधान रहने की जरूरत महसूस की जा रही है ।
डॉ. सूर्यकान्त का कहना है कि कोरोना फेफड़ों के साथ ही शरीर के कई अन्य अंगों पर भी असर डाल रहा है । इसमें हृदय, मस्तिष्क, गुर्दे, लीवर, पेट और आँख सम्बन्धी दिक्कतें भी अब शामिल हो गयी हैं । उनका कहना है कि अभी हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया कि एक स्वास्थ्य कर्मी दो दिन से दस्त (डायरिया) की शिकायत लेकर आया और जब कोरोना की जांच हुई तो उसकी रिपोर्ट पाजिटिव आई । इसी तरह कोरोना के शुरूआती लक्षणों के इतर शरीर में कोई नया परिवर्तन या दिक्कत महसूस हो तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें और परामर्श के मुताबिक़ जांच भी कराएं। डॉ. सूर्यकांत का कहना है कि ‘द जर्नल ऑफ़ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन’ के एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि कोविड-19 के 36 प्रतिशत से अधिक मामलों में तेज सिर दर्द, चक्कर आना और भ्रम की स्थिति जैसे लक्षण सामने आये हैं । अध्ययन के अनुसार करीब 20 फीसद लोगों में हृदय सम्बन्धी दिक्कत सामने आई है। इसी तरह, एक चीनी अध्ययन में कहा गया है कि उनके अस्पताल में भर्ती कोविड – 19 के 912 रोगियों में से 90 (9.87 फीसद) दस्त की शिकायत लेकर आये, 24, 17 और 24 फीसद रोगियों को क्रमशः मतली, उल्टी और भूख न लगने की शिकायत रही । ऐसे में यह कहा जा सकता है कि गैस्ट्रोइंटेसटाइनल लक्षण कोरोना संक्रमण का एक चेतावनी संकेत हो सकता है। अध्ययन के मुताबिक़ करीब 30 फीसद में खून के थक्के जमने की शिकायत भी सामने आई है ।
घर पर रहने में ही है भलाई
कोविड-19 की शुरुआत से ही ऐसे लोगों को घर पर ही रहने की सलाह सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जा रही है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है । इनमें 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग, अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोग, गर्भवती और 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे शामिल हैं, क्योंकि इनकी रोगों से लड़ने की क्षमता कमजोर होती है । इसलिए इनको फिर से सलाह दी जा रही है कि अभी कोरोना ख़त्म नहीं हुआ है, ऐसे में उनका घर पर रहना ही परिवार व अन्य की भलाई के लिए जरूरी है।
कोरोना को देने को मात- अब भी याद रखो तीन जरूरी बात
पिछले नौ महीने के दौरान कोरोना को मात देने के लिए अपनाये जा रहे तीन मूल मन्त्रों को मानना अब भी बहुत जरूरी है। यह तीन मूल मन्त्र हैं – घर से बाहर निकलने पर मुंह व नाक को मास्क से अच्छी तरह से ढककर रखना, एक दूसरे से दो गज की दूरी बनाकर रखना और बार-बार हाथों को साबुन-पानी से अच्छी तरह से साफ़ करना। सर्दियों में कोरोना के मामले बढ़ने की आशंका के बीच इन मूल मन्त्रों को मानना खुद के साथ दूसरों को भी सुरक्षित बनाने के लिए बहुत ही जरूरी हैं।