एफडी पर ब्जाय दरों में पिछले कुछ समय से काफी गिरावट आई है। इस समय देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई (SBI) दो करोड़ रुपये तक की जमा पर एक से दो साल के बीच की अवधि के लिए 4.90 फीसद ब्याज दर की पेशकश कर रहा है। वहीं, कुछ स्मॉल फाइनेंस बैंक (Small Finance Bank) ग्राहकों को उनकी जमा पर सात फीसद का अच्छा-खासा ब्याज दे रहे हैं। ऐसे में ग्राहक के मन में यह सवाल उठता है कि क्या उसका पैसा स्मॉल फाइनेंस बैंक में सुरक्षित होगा और क्या उसे यहां निवेश कर उच्च ब्याज दर का फायदा उठाना चाहिए। आज हम आपके इसी सवाल का जवाब देने वाले हैं।
आपको यह जानना जरूरी है कि जब बड़े बैंकों के पास भारी लिक्विडिटी मौजूद होती है, तो वे और अधिक जमा प्राप्त करने के कम इच्छुक होते हैं। वहीं, यह बात स्मॉल फाइनेंस बैंकों पर लागू नहीं होती है। स्मॉल फाइनेंस बैंक बड़े बैंकों की तुलना में फिक्स डिपॉजिट्स (FD) पर अधिक ब्याज दर की पेशकश करते हैं, क्योंकि वे अधिक से अधिक ग्राहकों को अपनी तरफ आकर्षित करना चाहते हैं।
फिक्स डिपॉजिट की बात करें, तो निवेशकों को चाहिए कि वे एक ही बैंक में अपनी सारी पूंजी नहीं लगाएं। निवेशकों को भिन्न-भिन्न स्मॉल फाइनेंस बैंकों में अपनी रकम लगानी चाहिए। हम आपको बता दें कि बैंक में 5 लाख तक की राशि DICGC के डिपॉजिट इंश्योरेंस प्रोग्राम के तहत बीमित होती है। अर्थात एक बैंक में पांच लाख तक की पूंजी निवेश करना सुरक्षित रहता है।
स्मॉल फाइनेंस बैंक पब्लिक सेक्टर के बैंको और निजी क्षेत्र के बैंकों की तरह ही भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा अनुसूचित बैंकों के रूप में वर्गीकृत होते हैं। इसलिए स्मॉल फाइनेंस बैंक सीधे भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा रेगूलेट होते हैं। स्मॉल फाइनेंस बैंकों में पांच लाख से अधिक की राशि उतनी ही सुरक्षित है, जितनी सरकारी बैंकों और निजी क्षेत्र के बैंकों में सुरक्षित होती है। निश्चित ही अब आपको अपने सवाल का जवाब मिल गया होगा।