किसानों के हित में है कृषि कानून : पीएम मोदी

पंजाब के किसानों को याद दिलाई गुरु नानक की सीख
कहा, हर अच्छे काम में अड़चनें तो आती ही हैं
हमारा प्रयास देश की विरासत को बचाने का है!

सुरेश गांधी

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वाराणसी यात्रा के दौरान देव दीपावली के अवसर पर राजघाट पर दीप प्रज्ज्वलित किया। दीप जलाने के बाद पीएम मोदी ने राजघाट पर जनसभा को संबोधित किया। नए कृषि कानून के खिलाफ हो रहे धरना-प्रदर्शन पर मोदी ने आज हम रिफॉर्म्स की बात करते हैं, लेकिन समाज और व्यवस्था में रिफॉर्म्स के बहुत बड़े प्रतीक तो स्वयं गुरु नानक देव जी ही थे। हमने ये भी देखा है कि जब समाज, राष्ट्रहित में नए काम, नए बदलाव होते हैं तो जाने-अनजाने विरोध के स्वर जरूर उठते हैं। लेकिन नेक नीयत से काम करें तो विरोध के बावजूद सफलता मिलती है। जब उन सुधारों की सार्थकता सामने आने लगती है तो सबकुछ ठीक हो जाता है। यही सीख हमें गुरुनानक देवजी के जीवन से मिलती है।

पीएम ने कहा कि काशी सबको, पूरे विश्व को प्रकाश देने वाली है। पथ प्रदर्शन करने वाली है। हर युग में काशी के इस प्रकाश से किसी ने किसी महापुरुष की तपस्या जुड़ जाती है और काशी दुनिया को रास्ता दिखाती है। उन्होंने कहा कि काशी की ये भावना, देव दीपावली की परंपरा का ये पक्ष भावुक कर जाता है। पीएम ने कहा कि किसानों को शोषकों और बिचौलियों से आजादी मिल रही है। रेहड़ी और पटरी वालों को मदद देने के लिए बैंक आगे चलकर आ रहे हैं। मोदी ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर से दूसरा बड़ा उदाहरण क्या होगा। दशकों से इस पवित्र काम को लटकाने भटकाने के लिए क्या कुछ नहीं किया गया। कैसे कैसे डर पैदा करने के प्रयास किए गए। लेकिन जब राम जी ने चाह लिया तो मंदिर बन रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि आज हम सुधार की बात करते हैं। समाज और व्यवस्था में सुधार के बहुत बड़े प्रतीक तो स्वयं गुरु नानक देव जी ही थे। हमने ये भी देखा है कि जब समाज, राष्ट्रहित में बदलाव होते हैं, तो जाने-अनजाने विरोध के स्वर जरूर उठते हैं। लेकिन जब उन सुधारों की सार्थकता सामने आने लगती है तो सब कुछ ठीक हो जाता है। यही सीख हमें गुरुनानक देवजी के जीवन से मिलती है।

पीएम ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे विरोध के संदर्भ में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और राम मंदिर का उदाहरण भी दिया। उन्होंने कहा कि काशी के लिए जब विकास के काम शुरू हुए थे, विरोध करने वालों ने सिर्फ विरोध के लिए विरोध तब भी किया था। जब काशी ने तय किया था कि बाबा के दरबार तक विश्वनाथ कॉरिडॉर बनेगा, विरोध करने वालों ने तब इसे लेकर भी काफी कुछ कहा था। लेकिन आज बाबा की कृपा से काशी का गौरव पुनर्जीवित हो रहा है। सदियों पहले, बाबा के दरबार का मां गंगा तक जो सीधा संबंध था, वो फिर से स्थापित हो रहा है। उन्होंने कहा कि नए कृषि सुधारों से किसानों के लिए नए विकल्प मिले हैं। इनमें पुराने सिस्टम पर रोक लगाने की कोई व्यवस्था नहीं है। पहले मंडी के बाहर हुए लेनदेन ही गैरकानूनी थे। ऐसे में छोटे किसानों के साथ धोखा होता था, विवाद होता था। अब छोटा किसान भी मंडी से बाहर हुए हर सौदे को लेकर कानूनी एक्शन ले सकता है। किसान को अब नए विकल्प मिले हैं। उसे धोखे से कानूनी संरक्षण मिला है।

बैकफुट पर नहीं आएगी सरकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में लोगों को संबोधित करते हुए कृषि कानूनों पर विस्तार से बात रखते हुए किसानों को भ्रमित करने वाले लोगों से सावधान रहने को कहा है। पीएम मोदी के भाषणों से मिले संकेत से साफ है कि न तो वह किसान आंदोलन के आगे झुकेगी और न ही कृषि कानून पर बैकफुट पर आएगी। बता दें, नए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली बॉर्डर पर चार दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने दिल्ली का रास्ता बंद करने की चेतावनी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले कुछ समय से एक अलग ही ट्रेंड देश में देखने को मिल रहा है। पहले अगर सरकार का कोई फैसला पसंद नहीं आता था तो विरोध होता था, लेकिन अब विरोध का आधार फैसला नहीं बल्कि भ्रम फैलाया जाता है। दुष्प्रचार किया जाता है कि फैसला तो ठीक है लेकिन इससे आगे चलकर ऐसा हो सकता है। जो अभी हुआ ही नहीं, जो कभी होगा ही नहीं, उसको लेकर समाज में भ्रम फैलाया जाता है। ये वही लोग हैं जिन्होंने दशकों तक किसानों के साथ लगातार छल किया है। पीएम मोदी ने कहा कि किसान को आधुनिक सुविधाएं देना, छोटे किसानों को संगठित करके उन्हें ताकतवर बनाना और किसानों को मजबूत करने का प्रयास किए जा रहे हैं। फसल बीमा हो या सिंचाई, बीज हो या बाजार, हर स्तर पर काम किया गया है। किसान हित में किए गए कृषि सुधार ऐसे ही विकल्प किसान को देते हैं। अगर किसान को कोई ऐसा ही खरीदार मिल जाए जो सीधा खेत से फसल उठाए तो क्या किसान को अपनी उपज उसे बेचने की आजादी मिलनी चाहिए कि नहीं।

माता अन्नपूर्णा की जो मूर्ति चोरी हो गई थी, वो फिर वापस आयेंगी

मोदी ने कहा कि 100 साल से भी पहले माता अन्नपूर्णा की जो मूर्ति काशी से चोरी हो गई थी, वो फिर वापस आ रही है। माता अन्नपूर्णा एक बार फिर अपने घर लौटकर वापस आ रही हैं। हमारे देवी देवताओं की ये प्राचीन मूर्तियां, हमारी आस्था के प्रतीक के साथ ही हमारी अमूल्य विरासत भी हैं। ये बात सही है कि इतना प्रयास अगर पहले किया गया होता, तो ऐसी कितनी ही मूर्तियां, देश को काफी पहले वापस मिल जातीं, लेकिन कुछ लोगों की सोच अलग रही है। विपक्ष को घेरते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारे लिए विरासत का मतलब है देश की धरोहर, जबकि कुछ लोगों के लिए विरासत का मतलब होता है अपना परिवार और अपने परिवार का नाम। हमारे लिए विरासत का मतलब है हमारी संस्कृति, हमारी आस्था। उनके लिए विरासत का मतलब है अपनी प्रतिमाएं, अपने परिवार की तस्वीरें।

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